BY–रवि चौहान
हर वर्ष की तरह धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र जहाँ महाभारत का महायुद्ध हुआ था।18 दिन चले इस युद्ध मे कौरवों ओर पांडवो के मध्य भीषण युद्ध हुआ था।इसी दौरान श्री कृष्ण द्वारा गीता का उपदेश अर्जुन को दिया गया था। महाभारत से जुड़े अहम स्थल आज भी कुरुक्षेत्र में मौजूद है।
हर वर्ष यहाँ स्थित ब्रहमसरोवर पर इंटरनेशनल गीता महोत्सव का आयोजन सरकार द्वारा किया जाता है।
जिसमे विभिन्न राज्यो की संस्कृति एवं विदेशों से आये लोगो की खास कलाकृतियों को जगह दी जाती है।
पिछले वर्ष की भांति इस इंटरनेशनल गीता महोत्सव में एक बेहद ही खास प्रदर्शनी जो बाबा साहब के जीवन संघर्ष एवम संविधान निर्माण से जुड़ी है ,इस वर्ष भी लगाई गई है।जिसे बनाया गया है डॉ आम्बेडकर लोक संवाद मंच हरियाणा के अध्यक्ष डॉ कपूर सिंह द्वारा।
ये चित्र प्रदर्शनी सर्वप्रथम 2016 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में लगाई गई थी।जहाँ रजा मुराद जैसी बॉलीवुड की महान शख्सियत ने शिरकत की थी।इस बार डॉ आम्बेडकर लोक संवाद मंच ,मानव विकास ट्रस्ट,बेगमपुरा टाइगर फोर्स आदि संगठनो ने मिलकर गीता जयंती पर इस चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया है।
इसने मुख्यतः ईश्वर सिंह अमीन मानव विकास ट्रस्ट,धर्म सिंह क्रांति-टोनी पबनावा बेगमपुरा टाइगर फोर्स के साथी सेवाएं दे रहे है। साथियो से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य बाबा साहब एवम भारतीय संविधान को जन जन तक पहुचांना है। ताकि आने वाली पीढ़ी उनको जान सके।
साथ मे ही इस महा मेले में ज्योतिबा फुले से जुड़ी एवम महार्षि वाल्मीकि जी से जुड़ी चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई है।महार्षि वाल्मीकि से जुड़ी चित्र प्रदर्शनी पर सतपाल दानव जी ने बताया कि लोग बड़ी संख्या में वहां आ रहे है।
कुरुक्षेत्र को मन्दिरो का शहर भी कहा जाता है। यहाँ सैंकड़ो पुरातन काल से जुड़े पौराणिक तीर्थ है।हर्षवर्धन का किला एवम हरियाणा का ताज महल कहा जाने वाला शेख चिह्ली का मकबरा भी यहाँ स्तिथ है। हरियाणा की संस्कृति को समेटे हरियाणा धरोहर म्यूजियम भी यहां कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में स्थिति है। कुल मिलाकर ऐतिहासिक एवम पर्यटन की दृष्टि से कुरुक्षेत्र बेहद नायाब यादे संजोए है।
7-23 दिसम्बर तक चलने वाले इंटरनेशनल गीता महोत्सव में आप आकर धर्म ,संविधान, बहुजन नायकों आदि से जुड़ी चित्र प्रदर्शनी देखकर खुश हो सकते है।
धार्मिक मेलो ओर आयोजनों में बहुजन महापुरुषों की धमक का शामिल होना एक बेहतरीन प्रयास है। प्रचार प्रसार का बेहतरीन जरिया है। इस तरह के आयोजनों में शामिल होकर इन चित्र प्रदर्शनियों के माध्यम से बहुजन आंदोलन को गति दी जा सकती है।