BY-THE FIRE TEAM
भारत अपनी जल सेना को सुदृण बनाने के लिए हिंद महासागर में चीन की नौसेना की लगातार बढ़ती गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना
अंडमान-निकोबार में जल्द ही नया एयरबेस शुरू करने जा रही है। नौसेना का यह नया एयरबेस दिगलीपुर के पास है, जो कि 24 जनवरी 2019 से ऑपरेशनल हो जाएगा।
नए एयरबेस का नाम ‘आईएनएस कुहासा’ रखा गया है, जिसका शुभारंभ अंडमान-निकोबार कमांड के चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा करेंगे।
‘आईएनएस कुहासा’ के ऑपरेशनल हो जाने के बाद अंडमान-निकोबार में भारत के चार एयरबेस हो जाएंगे।
A new airbase 'INS Kohasa' in Andaman & Nicobar territories to be made operational soon.A Navy official says,"The base has been readied for operations of helicopters&small transport aircraft. It gives an optional landing& operating base to military pilots in the region"(file pic) pic.twitter.com/jFgN4yo9gd
— ANI (@ANI) January 6, 2019
भारतीय नौसेना भविष्य में इस बेस को और बड़ा बनाना चाहती है। फ़िलहाल ‘आईएनएस कुहासा’ में हेलिकॉप्टर्स और डोर्नियर विमान ऑपरेट हो सकेंगे।
साथ ही फ्यूल स्टोरेज, रिपेयर फैसिलिटी, मैनपावर यहां उपलब्ध रहेगी। अभी तक अंडमान-निकोबार में पोर्ट ब्लेयर में सबसे बड़ा एयरपोर्ट है।
पोर्ट ब्लेयर के दक्षिण में कार निकोबार में वायुसेना का एयरबेस है और इस द्वीप समूह के बिल्कुल दक्षिण में कैम्पबेल बे में नौसेना का एयरबेस आईएनएस बाज है।
आईएनएस कुहासा के शुरू हो जाने से उत्तर में एक नौसेना को मजबूती मिलेगी। अंडमान-निकोबार में ताकत बढ़ाकर भारतीय नौसेना हिंद महासागर के
Indian Navy set to commission new airbase INS Kohasa in North Andaman on January 24https://t.co/Luut34qhKG
— DNA (@dna) January 8, 2019
मलक्का, सुंदा, लुम्बोक और ओम्बई वेतार जलडमरूमध्य के साथ हिंद महासागर के पश्चिमी क्षेत्र में भी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
मलक्का, सुंदा और लुम्बोक वो समुद्री रास्ते हैं, जो हिंद महासागर को दक्षिण चीन सागर से जोड़ते हैं। चीनी युद्धपोत, पनडुब्बी और परमाणु पनडुब्बी
Indian Navy’s new airbase ‘INS Kohasa’ set to boost Andaman archipelago defence https://t.co/aeLDAir0Uj pic.twitter.com/3DqxSKX6gF
— The Defenstar (@thedefenstar) January 7, 2019
भारत के हिस्से वाले समुद्री क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में कई बारे देखे जा चुके हैं। चीन हिंद महासागर में दबदबा बढ़ा रहा है। ऐसे में भारत भी यहां कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है।