BY- THE FIRE TEAM
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ ने अनुमान लगाया है की इस बार संगम के रेत पर बसे कुंभ से उत्तर प्रदेश सरकार को 1200 अरब रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।
2013 मैं आयोजित हुए महाकुंभ की अपेक्षा इस बार उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 दिन तक चलने वाले अर्ध कुंभ मेले की आयोजना के लिए 4200 करोड रुपए आवंटित किए है जो इस बार 3 गुना है।
सीआईआई के अध्ययन के मुताबिक कुंभ मेला क्षेत्र में आतिथ्य क्षेत्र में करीब ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा एयरलाइंस और हवाई अड्डों के आसपास से करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजी-रोटी मिलेगी। वहीं, करीब 45,000 टूर ऑपरेटरों को भी रोजगार मिलेगा। साथ ही इको टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म क्षेत्रों में भी लगभग 85,000 रोजगार के अवसर बनेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा टूर गाइड टैक्सी चालक द्विभाषिये और स्वयंसेवकों के तौर पर रोजगार के 55 हजार नए अवसर भी सृजित होंगे। इससे सरकारी एजेंसियों तथा वैयक्तिक कारोबारियों की आय बढ़ेगी।
सीआईआई के अनुमान के मुताबिक कुंभ मेले से उत्तर प्रदेश को करीब 12 सौ अरब रुपये का राजस्व मिलेगा। इसके अलावा पड़ोस के राज्यों राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश को भी इसका फायदा होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुंभ में शामिल होने वाले पर्यटक इन राज्यों के पर्यटन स्थलों पर भी जा सकते हैं।
कुंभ मेले में करीब 15 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। दुनिया का यह सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन पूरी दुनिया में अपनी आध्यात्मिकता और विलक्षणता के लिए प्रसिद्ध है।