‘हिंदी’ को अदालत की तीसरी भाषा के रूप में अबुधाबी ने दी मान्यता


BY-THE FIRE TEAM


भारत के लिए गौरव का विषय है कि उसकी राष्ट्रीय भाषा हिंदी को अबुधाबी की अदालत ने तीसरी भाषा के रूप में स्वीकृति दी है. इस सम्बन्ध में स्थानीय अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक,

अबूधाबी न्यायिक विभाग ने कहा है कि इस कदम का मकसद विदेशियों को बिना भाषाई बाधा के मुकदमेबाजी की प्रक्रिया, उनके अधिकार व कर्तव्य के बारे में सीखने में मदद करना है.

विभाग ने कहा कि इसके अलावा इस कदम का उद्देश्य विभाग की वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध एकीकृत फॉर्म के जरिए पंजीकरण प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना है.

इस खबर की प्राप्ति पर विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट करते हुए धन्यवाद दिया है-

एडीजेडी के अंडरसेक्रेटरी यूसुफ साइद अल अबरी ने कहा, “दावा पत्र, शिकायतों व अनुरोधों के लिए बहुभाषी इंटरेक्टिव फॉर्मो को अपनाने का उद्देश्य न्यायिक सेवाओं को बढ़ावा देना और मुकदमेबाजी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता को बढ़ाना है.

अल अबरी ने बताया कि द्विभाषी मुकदमेबाजी प्रणाली के हिस्से के रूप में नई भाषा को अपनाया गया है. इस प्रणाली का पहला चरण नवंबर 2018 में शुरू हुआ था.

प्रक्रिया में आवश्यकता होती है कि अगर अपराधी विदेशी होता है तो वादी को सिविल और व्यावसायिक मुकदमों के दस्तावेजों का अनुवाद अंग्रेजी में कराना होता है.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात की आबादी 90 लाख से ज्यादा है, जिसमें 88.5 फीसदी प्रवासी मजदूर हैं. इस आबादी में 38 फीसदी भारतीय हैं.

यह घोषणा दोनों देशों के रिश्तों को मधुर बनाने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी तथा द्विपक्षीय व्यापार तथा अन्य कई सामरिक पहलूओं को बढ़ाने में सहायक होगी.

 

 

 

 

 

 

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