BY- THE FIRE TEAM
14 फरवरी जिसे प्यार का दिन बोला जाता है, उस दिन हमारे देश के जवानों के ऊपर हुए कायराना आतंकी हमले की जितनी भी निंदा की जाये कम ही है। सीआरपीएफ के काफिले पे हुए आतंकी हमले में कई देश के वीर जख्मी हुए और लगभग पचास के आसपास जवान शहीद हो गए।
इसके बाद जम्मू कश्मीर के पुलवामा में फिर से हुए आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल, जिनकी शादी निकिता से हुई थी। इनकी शादी को अभी सालभर भी नहीं हुआ था कि आतंकी हमले में मेजर विभूति ने अपना सर्वस्व भारत माँ पर न्योछावर कर दिया।
क्या बीती होगी उस आठ माह की गर्भवती पत्नी पर जब उनके पति का पार्थिव शरीर उनके सामने आया होगा? वे नम आंखों से बार-बार ताबूत को छू रही थी, बार-बार अपने पति को निहार रही थी, वहाँ मौजूद सभी की आंखे नम थी।
आखिरी वक्त पे निकिता ने आई लव यू (I LOVE YOU) बोलकर अपने पति के ताबूत को चूमा फिर वीरतापूर्वक उन्हें सेल्यूट कर तीन बार जय हिन्द बोलकर विदा किया। यह एक ऐसा दृश्य था जिसे देखने के बाद कोई भी अपनी आंखों के आंसू नहीं रोक पाया।
शहीद मेजर विभूति देहरादून के रहने वाले थे। आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति का पार्थिव शरीर सोमवार शाम देहरादून लाया गया और मंगलवार सुबह उनके निवास डंगवाल मार्ग पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया और उनके अंतिम दर्शन के लिए वहां जनसैलाब उमड़ पड़ा, लोग रुंधे गले से भारत की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे।
सदमे में होते हुये भी मेजर विभूति की पत्नी निकिता ने खुद को संभाला और स्वयं ही शवयात्रा की अगुवाई की।
निकिता ने कहा, “जो चले गए हैं उनसे कुछ सीखें, दुनिया में जो शहादत देते हैं, उनसे सीखना चाहिए। देश के लिए काम करने के बहुत सारे क्षेत्र हैं ईमानदारी से काम करें।”