उत्तर प्रदेश में अंधेरा उजागर, 55 हजार स्कूलों में बिजली नहीं


BY- THE FIRE TEAM


पिछले साल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था और विज्ञापन भी दिया था कि देश मे 100 प्रतिशत बिजली पहुँचा दी गयी है। मोदी के इस दावे की पोल खिलती नजर आ रही है।

जनता को ‘सौभाग्य’ के रूप में बिजली दे रही सरकार अब खुद अंधेरे में है। खराब मौसम भीषण गर्मी के बावजूद भी बच्चे बिना रोशनी और पंखे के पढ़ने के लिए माजबुर हैं। यह हाल तब है जब केंद्र और प्रदेश दोनों जगह भाजपा सरकार है और यह व्यवस्था केंद्र सरकार की पोल खोलती नजर आ रही है। मतलब एक और झूठ या जुमला की देश में हर जगह 100 प्रतिशत बिजली पहुँच चुकी है।

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद पोलिंग बूथ की तैयारियों में यह पोल्ल खुली की प्रदेश के 55 हजार प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में अभी तक बिजली नहीं पहुँची है। और शायद पहुँचती भी नही अगर लोकसभा चुनाव की घोषणा ना होती। फिलहाल अब इन विद्यालयों में बिजली कनेक्शन के निर्देश दिए जा चुके हैं।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने बैठक बुलाई और प्राइमरी-जूनियर विद्यालयों की सूची मांगी तब बिजली विभाग ने यह आंकड़ा पेश किया कि उत्तर प्रदेश के 55 हजार विद्यालयो में अभी तब बिजली कनेक्शन नही हुआ है।

खबर की जानकारी मिलते ही प्रमुख सचिव बिजली आलोक कुमार ने तत्काल सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन विद्यालयों में बिजली कनेक्शन नही है उनकी सूची तैयार करें और विद्युत वितरण निगमों के नोडल अभियंताओं को सूची दें।

उत्तर प्रदेश राज्य के विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि शिक्षा विभाग छात्रों को मूलभूत सुविधाएं देने की बड़ी बडी बात करता है लेकिन परिस्थितियां इसके विपरीत है। लाखों की संख्या में बच्चे बिना बिजली के बिना रोशनी ओर पंखे के पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

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