बुक ‘व्हाई आई वास् एक्सपेल्ड फ्रॉम बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी’ लांच: संदीप पांडेय


BY- THE FIRE TEAM


  • ‘व्हाई आई वास् एक्सपेल्ड फ्रॉम बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी’: संदीप पांडेय
  • बुक लांच स्थान- जवाहर भवन, नई दिल्ली

डॉ. संदीप पांडेय जी जानेमाने सोशल एक्टिविस्ट हैं। इन्होंने डॉ. दीपक गुप्ता जी और वी.जे.पी. श्रीवास्तव जी के साथ मिलके आशा फ़ॉर एजुकेशन नाम का एक एनजीओ खोला है।

संदीप पांडेय वर्तमान समय में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गांधीनगर में विजिटिंग प्रोफ़ेसर भी हैं।

पांडेय जी अपने द्वारा लिखी गई बुक ‘व्हाई आई वास् एक्सपेल्ड फ्रॉम बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी’ लांच कर रहे हैै।

यह बुक नई दिल्ली में स्थित जवाहर भवन जो प्रेस क्लब के सामने बना है, वहाँ 12 अप्रैल को 3 बजे लांच की जाएगी।

संदीप पांडेय जी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वाराणसी से स्नातक करने के बाद सिराक्यूज़ विश्वविद्यालय न्यू यॉर्क से मैन्युफैक्चरिंग एंड कम्प्यूटर साइंस में परास्नातक किया।

इसके बाद उन्होंने कैलिगफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में 1992 में कंट्रोल थ्योरी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, वह भारत वापस चले आये और 1992 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में पढ़ाना शुरू किया।

और इसी दौरान आशा ट्रस्ट नामक एक पंजीकृत संगठन की स्थापना की, जिसके वर्तमान में पूरे भारत में कई केंद्र हैं।

उनकी टीम ने 2008 में आशा परिवार नाम से एक जन समूह शुरू किया है जो उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने पर केंद्रित है।

संदीप पांडेय जी नेशनल एलायंस ऑफ़ पीपुल्स मूवमेंट्स (NAPM) का नेतृत्व करते हैं, जो भारत में लोगों के आंदोलनों का सबसे बड़ा नेटवर्क है।

उन्हें उभरते नेतृत्व श्रेणी के लिए 2002 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (एशियाई नोबेल पुरस्कार) से सम्मानित किया गया है।

संदीप पांडेय जी ने 2005 में नई दिल्ली से मुल्तान तक भारत-पाकिस्तान शांति मार्च का नेतृत्व किया था।

उन्होंने भारत सरकार के केंद्रीय सलाहकार बोर्ड फॉर एजुकेशन (CABE) के सलाहकार के रूप में कार्य किया है।

शिक्षा के बारे में उनका विचार प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग की भावना को आत्मसात करके सशक्तिकरण पर आधारित है।

संदीप पांडेय जी केमिकल इंजीनिरिंग डिपार्टमेंट एंड मेकैनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीएचयू) वाराणसी में विजिटिंग प्रोफ़ेसर रहे हैं।

 

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