BY- THE FIRE TEAM
कहते है कि प्रतिभा जाति की मोहताज नहीं होती। इसी का उदाहरण है अजय कुमार सिंह जो लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्विद्यालय के छात्र हैं।
अजय कुमार सिंह बीबीएयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग से पीएचडी कर रहे हैं। इन्होंने दिसम्बर 2018 के CSIR-NET/JRF की परीक्षा में सामान्य वर्ग की श्रेणी में बिना किसी तैयारी के JRF की परीक्षा क्वालीफाई की।
अजय कुमार सिंह पुत्र रामनेवाज बुंदेलखंड के बाँदा जिला के रहने वाले हैं। कहा जाता है कि वहाँ पर शिक्षा की कमी और ग़रीबी की भरमार है।
इनके पिता रामनेवाज जी रोजमर्रा की जिंदगी जीते हुए अपने बेटे को जवाहर नवोदय विद्यालय बाँदा से इंटरमीडिएट की शिक्षा ग्रहण कराई तत्पश्चात ग्रेजुएशन जवाहर लाल नेहरू पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज बाँदा से हुआ।
उसके बाद उनके पिता की उच्च सोच और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के संघर्षो और अथक प्रयासों को ध्यान में रखते हुए बच्चे का एडमिशन बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के माइक्रोबायोलॉजी विभाग से पोस्ट ग्रेजुएशन कराया।
अजय कुमार सिंह एक होनहार और बुद्धिमान छात्र होने की वजह से 2016 में प्रोफेसर रामचंद्र जी के गाइडेंस में पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी पर प्रवेश लिया।
पीएचडी के एक साल पूरे होते ही दिसंबर माह 2018 में हुई ALL INDIA CSIR-JRF NET की परिक्षा में पूरे भारत मे 174 रैंक (रोल नंबर 348474) हासिल किया।
अजय कुमार सिंह का कहना है कि मेरे पिता ने बचपन से ही मुझे बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के जीवन संघर्षों के बारे में जानकारी देते रहे।
जब धीरे-धीरे उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण कि तब उन्हें बाबासाहेब को अच्छे से पढ़ने और समझने के और भी अवसर प्राप्त हुए।
आज उनका CSIR-JRF में सिलेक्शन हुआ है, इसके लिए वे पिता से कही ज्यादा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी के अथक प्रयास और उनके जीवन संघर्षों को आदर्श मानते हैं।
उनका कहना है कि उच्च शिक्षा ग्रहण करने का जो अवसर उन्हें प्राप्त हुआ, उसको साकार करते हुए बाबासाहेब और तथागत बुद्ध के बताए मार्ग पर आजीवन चलने का कार्य करेंगे।
जिससे देश और समाज मे बराबरी आये तथा अन्य आने वाली पीढ़ी के ग़रीब बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ देश की मुख्य धारा में जोड़ने का काम कर सकें। जिससे देश और समाज को भी आगे बढ़ाने का कार्य आसानी से हो सकेगा।
अजय कुमार सिंह ने बिना किसी कोचिंग के तैयारी से सिद्ध किया है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती।