BY- THE FIRE TEAM
नाराज चल रहे बेजेपी के सांसद उदित राज ने आखिरकार बुद्धवार को कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में शामिल हुए कांग्रेस में।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, उदित राज ने बुद्धवार सुबह राहुल गांधी से मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने उदित राज को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में उदित राज बीजेपी की टिकट से उत्तर पश्चिमी दिल्ली से सांसद बने थे, लेकिन इस बार टिकट ना मिलने से वे पार्टी से काफी नाराज चल रहे थे।
बीजेपी ने इस बार दिल्ली की उत्तर पश्चिमी सीट से गायक हंस राज हंस को टिकट दिया और सांसद उदित राज का टिकट काट दिया है।
मंगलवार को सांसद उदित राज ने यह दावा भी किया कि उनपर पार्टी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है।
टिकट कटने के सवाल पर उन्होंने कहा, “जब 2018 में एससी-एसटी संशोधन पर बंद आयोजित हुआ, मैंने विरोध किया, इसलिए ही पार्टी नेतृत्व संभवतया मुझसे नाराज हो गया। जब सरकार की तरफ से कोई भर्ती नहीं हो रही, तो क्या मुझे इस मुद्दे को नहीं उठाना चाहिेये था? मैं दलितों के मुद्दों उठाता रहूंगा”
उदित राज ने ट्वीट किया, “बड़े ध्यान से पढ़िए, आपका उदित राज आपके साथ हैं, विकास कार्य के आधार पर टिकट मिलना सबसे बड़ा भ्रम हैं, बार बार दलितों के हित में आवाज़ उठाना गलत हैं? क्या टिकट काम, योग्यता और ईमानदारी के आधार पर नहीं मिलता? पूरे देश में सबसे ज्यादा विकास करने के मामले में दूसरा स्थान मिला”
बड़े ध्यान से पढ़िए, आपका उदित राज आपके साथ हैं, विकास कार्य के आधार पर टिकट मिलना सबसे बड़ा भ्रम हैं, बार बार दलितों के हित में आवाज़ उठाना गलत हैं? क्या टिकट काम, योग्यता और ईमानदारी के आधार पर नहीं मिलता? पूरे देश में सबसे ज्यादा विकास करने के मामले में दूसरा स्थान मिला । pic.twitter.com/J4rVMw0Jp7
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) April 23, 2019
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, “सिर्फ दलित होने से दलित नेता नहीं बन जाते उनके हक की लड़ाई लड़नी पड़ती हैं,आवाज़ उठानी पड़ती हैं।”
सिर्फ दलित होने से दलित नेता नहीं बन जाते उनके हक की लड़ाई लड़नी पड़ती हैं,आवाज़ उठानी पड़ती हैं ।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) April 23, 2019
प्रेस नोट जारी करके उदित राज ने पांच कारण बताए जिसकी वजह से उनका टिकट कटा-
क्या मोदी जी के नेतृत्व में आंख मूंदकर विश्वास करते हुए अपनी पार्टी ‘इंडियन जस्टिस पार्टी’ का बीजेपी में विलय कर दिया. अपना दल जैसे छोटी पार्टियां ज्यादा फायदे में रहीं कि जनाधार स्थानीय होने के बावजूद बहुत कुछ लिया.
2. क्या मेरी यह खता थी कि मैं भाजपा में दलित नेता के नाम से जाना जाता रहा और 2014 में जब मैं पार्टी में शामिल हुआ था तो व्यापक जन समर्थन लोकसभा के चुनाव में मिला. क्या पार्टी को जनाधार वाला दलित नेता नहीं चाहिए? क्या मैंने समय-समय पर दलितों की आवाज़ उठाई?
3. क्या मैंने 2 अप्रैल 2018 को दलितों द्वारा भारत बंद का समर्थन करके गलती की? एससी-एसटी एक्ट और रोस्टर पॉइंट के मुद्दे पर भारत बंद किया गया था. क्या महिलाओं के पक्ष में सबरीमाला मंदिर में उनके प्रवेश का समर्थन किया, तो क्या मुझे उसकी सजा मिली और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की आवाज़ उठाई.
4. प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति में मैंने संसद में सवाल किया था कि उच्च न्यायपालिका गरीब दलित एवं पिछड़ा विरोधी हैं, क्या वह गलती थी?
5. दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीलिंग के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का घेराव क्या गलती थी? मैं हैरान इस बात से हूं कि इनमें से सारे कारण हैं या कौन से कारण हैं? जिसकी वजह से मेरा टिकट काटा?
कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अपनी फोटो ट्वीट की।
आज मैं कांग्रेस @INCIndia में शामिल हुआ , श्री @RahulGandhi जी का धन्यवाद। pic.twitter.com/j117b1cq9m
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) April 24, 2019