BY-THE FIRE TIMES
प्राप्त सूचना के अनुसार जापान के नए राजा बनने वाले नारुहितो ने दुनिया के समस्त देशों से विश्व शांति बनाये रखने की अपील किया है. सिंघासन पर बैठते हुए 59 वर्षीय नारुहितो ने कहा कि,
‘मैं सचमुच चाहता हूं कि हमारा देश विदेशी देशों के साथ हाथ से हाथ मिलाकर विश्व शांति और विकास की राह पर बढ़े’.
Japan's Emperor Naruhito greeted the public for the first time since his succession, expressing hope for Japan to keep pursuing peace. https://t.co/BjgoOPdC0u pic.twitter.com/JKtpeY2Bts
— ABC News (@ABC) May 4, 2019
आज विश्व में जब एक साथ कई चुनौतियों ने सर उठाया है मसलन- पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, नस्लीय हिंसा आदि तो इस स्थिति में नारुहितो का प्रयास दुनिया को प्रेरणा देने का कार्य करेगा.
नारुहितो का शासनकाल ‘रिवा’ के नाम से जाना जाएगा
जापान के 200 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है जब राजा ने खुद गद्दी छोड़ने की इच्छा जताई. ‘रिवा एरा’ का मतलब ‘सुंदर संगति’ होता है. नारुहितो का शासनकाल इसी नाम से जाना जाएगा.
- समारोह में राजा अकिहितो और महारानी मिशिको शाही महल में आएंगे. 10 मिनट तक चलने वाली इस प्रक्रिया में करीब 300 मेहमान मौजूद होंगे. राजा के तौर पर अकिहितो आखिरी बार जनता को संबोधित करेंगे.
- 30 साल के शासन के बाद 85 वर्षीय अकिहितो ने 2016 में ही राजगद्दी को छोड़ने के संकेत दे दिए थे. उनका मानना था कि खराब सेहत के चलते वे लंबे समय तक राजा की जिम्मेदारी नहीं निभा पाएंगे.
- नारुहितो के पिता अकिहितो ने 1989 में जापान की राजगद्दी संभाली थी. 1980 के अंत तक जापान दुनिया पर आर्थिक तौर पर राज कर रहा था. जापान की बेहतर तकनीक उद्योगशील राष्ट्रों के बीच लोकप्रिय थी.
- नारुहितो पर अपने पिता अकिहितो की विरासत को संभालने की चुनौती है. इसमें जापान की संस्कृति-परंपरा को सहेजना भी शामिल है.
- अकिहितो अपने शासनकाल में सदैव संवेदनशील बने रहे जबकि उनके पिता राजा हिरोहितो की पहचान सैन्यवादी थी.