BY-THE FIRE TIMES
विगत कुछ दिनों पहले श्रीलंका में हुए आतंकवादी घटना के बाद जिस कदर वहां की सरकार ने कड़ी कार्यवाही किया है उसको देखते हुए दुनिया के अन्य देशों ने भी कड़ा रुख अपनाया है.
ध्यान देने वाला पहलू यह है कि श्रीलंका ने जैसे ही बुर्के पहनने पर पर प्रतिबंध लगाया उसके बाद पूरे देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई. एक ओर प्रसिद्ध लेखक जावेद अख्तर ने भी बुर्के को गलत
ठहराया और कहा कि घूंघट पर भी बैन लगना चाहिए तो वहीं स्वामी अग्निवेश ने भी बुर्के को लेकर बयान दिया है. उन्होंने इस पर प्रतिबंध की मांग करते हुए कहा कि बुर्के में महिलाओं को देखकर डर लगता है.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि इस पर प्रतिबंध लगना जरुरी है और मुस्लिम समाज के लोगों को भी इसमें आगे आकर सहयोग करना चाहिए.’
हालांकि स्वामी अग्निवेश ने इस बात का भी विरोध जताया कि महिलाएं सरपंच तक बन जाती हैं लेकिन घूंघट पहन कर बैठती हैं और उनके पति सरपंचगिरी करते हैं.
स्वामी यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर के मैदान में उतारने पर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा पर आतंकवाद के आरोप हैं. ट्रायल अभी खत्म नहीं हुआ लेकिन बीजेपी ने उन्हें भोपाल जैसी अहम सीट पर प्रत्याशी बनाया है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास उमा भारती, सुषमा स्वराज जैसे बेहतर नेता थे जिनकी सेक्युलरिज्म पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है,
लेकिन बीजेपी ने गलत फैसला लिया है. ये फैसला भाजपा के इतिहास में सबसे गलत फैसला है. इससे साफ है कि बीजेपी आंतक को खत्म नहीं उसे पनाह देने का काम कर रही है.