BY- THE FIRE TEAM
राफेल रक्षा सौदे के मामले में याचिकाकर्ताओं ने बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट को असत्य बताकर गुमराह किया, जो धोखाधड़ी है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अदालत में प्रस्तुत किया कि जिन अधिकारियों ने इसे गुमराह किया है, उन्हें प्रतिजन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
41 पृष्ठ में जमा हुई एक रिपोर्ट में कहा गया, “केंद्र ने सच्चाई को दबा दिया और इस तरह से असत्य और झूठ बोला जिसका सीधा और व्यापक असर अदालत केे विचार पर पड़ा। सारे तथ्य और दस्तावेज केंद्र सरकार के पास मौजूद थे जिन्हें अदालत से दबा दिया गया।”
याचिकाकर्ताओं ने सौदे में केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच की आवश्यकता को खारिज करते हुए अदालत के फैसले की समीक्षा के लिए कहा है। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
याचिकाकर्ताओं ने बुधवार को कहा, “सरकार ने जानबूझकर और मामले के बाद जानबूझकर मामले पर अदालत को गुमराह किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह सिर्फ एक तथ्य या दस्तावेज नहीं था जिसे गलती से छोड़ दिया गया हो। लेकिन एक श्रृंखला और उनमें से सभी एक पैटर्न के अनुरूप हैं। अदालत ने सरकार पर अपना भरोसा कायम रखा, जिसके परिणामस्वरूप निष्कर्षों तक पहुँचने में अदालत ने सरकार द्वारा प्रस्तुत तथ्यों पर लगभग पूरी तरह भरोसा किया और सरकार ने उस भरोसे का दुरुपयोग किया।”
याचिकाकर्ताओं ने सरकार के इस दावे को लेबल किया कि सौदे की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा को “स्व-सेवा” के रूप में पेश करेगी। उन्होंने बताया कि बोफोर्स मामले, फ्रेंच स्कॉर्पीन मामले और अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में पूछताछ की गई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देशद्रोह का आरोप लगाया है और दावा किया है कि उन्होंने सौदे में उद्योगपति अनिल अंबानी के लिए एक बिचौलिए की तरह काम किया था।
राहुल गांधी ने मोदी ने भ्रष्ट बताने के लिए चौकीदार चोर है वाक्यांश का इस्तेमाल किया है।