BY- THE FIRE TEAM
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए कायराना आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें सीआरपीएफ के काफिले पे आत्मघाती हमला हुआ था, जम्मू कश्मीर की सरकार ने पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा आपस ले ली है।
मीरवाइज उमर फारूक समेत चार और अन्य अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गयी है। फारूक के साथ अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शबीर शाह को दी गयी सुरक्षा वापस ले ली गयी है। आदेश में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का जिक्र नहीं है।
आदेश के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि इन अलगाववादी नेताओं को दी गयी सुरक्षा के साथ उपलब्ध कराए गए वाहन भी रविवार शाम तक वापस ले लिए जाएंगे। इसके अलावा सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई किसी भी प्रकार की सुरक्षा भविष्य में वापस ले ली जाएगी, और किसी भी बहाने से किसी भी अलगाववादी नेता को किसी भी प्रकार की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर दौरे पर कहा था कि पाकिस्तान एवं उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से निधि प्राप्त करने वाले लोगों को दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी।
पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में कुछ ऐसे तत्व हैं जिनके संपर्क आईएसआई एवं आतंकवादी संगठनों से है. उनको दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी।”
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पे भी अलग करना शुरू कर दिया है। शनिवार को भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान से आयात होने वाले सभी सामान पे सीमाशुल्क 200 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है, साथ ही पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा भी वापस ले लिया गया है और 200 फीसदी सीमाशुल्क तत्काल रूप से लागू हो गया है। यह जानकारी के केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा दी गयी है।