नई दिल्ली: केंद्र की नई घोषित भर्ती योजना अग्निपथ के विरोध के बीच, दक्षिण ब्लॉक के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि
“इस योजना का भविष्य, जो प्रदर्शनकारी सोच रहे हैं, उसके विपरीत, असुरक्षित नहीं है. अग्निवीरों के लिए कई रास्ते खुलेंगे और वे उद्यमी बनना चुन सकते हैं, आगे की पढ़ाई कर सकते हैं और नौकरी का विकल्प चुन सकते हैं.”
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि योजना शुरू करने से पहले पिछले दो वर्षों से सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया और कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इस योजना का समर्थन किया.
बताया गया कि जो उद्यमी बनना चाहते हैं उन्हें वित्तीय पैकेज और बैंक ऋण योजना मिलेगी. एक अधिकारी ने कहा कि जो आगे पढ़ना चाहते हैं
उन्हें 12वीं कक्षा के समकक्ष प्रमाणपत्र दिया जाएगा और जो लोग नौकरी करना चाहते हैं उन्हें सीएपीएफ और राज्य पुलिस बलों में प्राथमिकता दी जाएगी.
अधिकारी ने कहा, “यह सिर्फ एक मिथक है कि अग्निपथ योजना के परिणामस्वरूप युवाओं के लिए अवसर कम हो जाएंगे. आने वाले वर्षों में, अग्निवीरों की भर्ती सशस्त्र बलों में वर्तमान भर्ती के लगभग तिगुनी होगी.”
यह योजना वर्तमान रेजिमेंटल प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं लाएगी. एक अधिकारी ने कहा, ‘वास्तव में इसे और तेज किया जाएगा क्योंकि सर्वश्रेष्ठ अग्निवीरों का चयन किया जाएगा जिससे यूनिट की एकजुटता को और बढ़ावा मिलेगा.’
आगे जोर देते हुए कहा कि इस तरह की अल्पकालिक भर्ती प्रणाली कई देशों में मौजूद है और ये सेना के लिए एक आजमाया हुआ अभ्यास है. रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि यह सोचना गलत है कि 21 साल के बच्चे अपरिपक्व होते हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘किसी भी समय अनुभवी लोगों की तुलना में अधिक युवा नहीं होंगे. वर्तमान योजना केवल 50%-50% का सही मिश्रण लाएगी’ कहा गया कि पहले वर्ष में, भर्ती होने वाले अग्निवीरों की संख्या सशस्त्र बलों का केवल 3% होगी.