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जैसा कि हम जानते हैं आगरा स्थित ताजमहल दुनिया के विश्व विरासत स्थल में शामिल है. ऐसे में उसका संरक्षण व रखरखाव सिर्फ यूनेस्को ही नहीं देश और देशवासियों का सहयोग भी मायने रखता है.

इसी क्रम में सर्वोच्च न्यायालय ने आगरा विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि ऐतिहासिक स्मारक ताजमहल की चारदीवारी से सटे 500 मीटर के दायरे में कोई भी व्यापारी गतिविधि नहीं होनी चाहिए.

अभी तक इस क्षेत्र में जितने भी व्यापारिक प्रतिष्ठान तथा दुकानें काबिज हैं. उनको सख्ती से वहां से हटाया जाए.

बता दें कि इस तरह का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दुकानदारों के एक समूह की याचिका दायर करने के बाद जारी किया है.

दुकानदारों के वकील ने बताया था कि ताजमहल के पश्चिमी दरवाजे के पास स्थित अवैध व्यापारिक गतिविधियों के कारण

अदालती आदेश का भी उल्लंघन हो रहा है जिसे वर्ष 2000 में भी पारित किया गया था. बतौर न्यायिक मित्र अदालत की सहायता कर रहे

वरिष्ठ अधिवक्ता एडीएन राव ने जस्टिस संजय किशन कौल तथा अभय एस ओक की खंडपीठ के समक्ष अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसका संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के निर्देश दिए हैं.

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