(ब्यूरो चीफ गोरखपुर, सईद आलम खान)
कहते हैं जहां चाह है, वहां राह है… आज किसानों के आंदोलन को लगभग 11 माह पूरे होने को हैं. सलाम है ऐसे किसानों के जज्बे को
जिन्होंने बिना किसी सर्दी, गर्मी की परवाह किए केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों को अंततः अपने आंदोलन और प्रतिरोध के जरिए विवश कर दिया कि सरकार उन्हें वापस ले.
आपको बता दें कि तीनों कृषि कानून जिन्हें किसानों ने ‘काला कानून’ कहा था, को समाप्त होने की घोषणा केंद्र सरकार के द्वारा कर दी गई है.
इस पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. आज सिख समुदाय के प्रकाश पर्व पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट
करते हुए मोदी सरकार पलटवार किया और लिखा है कि- “देश के अन्नदाता ने अपने सत्याग्रह से सरकार के अहंकार को झुका दिया है. अन्याय के खिलाफ देश के किसानों को मुबारक जय हिंद, जय हिंद का किसान.”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए राहुल गांधी ने पुराने वक्तव्य की भी याद दिलाते हुए बताया कि उन्होंने यह कहा था कि-
देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।
अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो!जय हिंद, जय हिंद का किसान!#FarmersProtest https://t.co/enrWm6f3Sq
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
मेरी बात मानो सरकार को किसानों के हित में यह किसान विरोधी कानून वापस लेने ही पड़ेंगे और हम इस बात के लिए मोदी सरकार को मजबूर करेंगे.
केंद्र सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- “सरकार अपने प्रत्येक प्रयास के बावजूद किसानों को समझा पाने में असफल रही,
इसलिए उन्होंने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. इसकी प्रक्रिया भी बहुत जल्द संसद में पूरी कर दी जाएगी.”
मोदी ने विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों से आग्रह किया कि- “मैं आज अपने सभी आंदोलनरत किसान साथियों से आग्रह कर रहा हूं कि गुरु पर्व के पवित्र दिन पर
आप अपने-अपने घर लौट जाएं तथा अपने खेतों में जाकर अपने परिवार के बीच समय व्यतीत करें. आइए एक नई शुरुआत करते हैं, नए सिरे से आगे बढ़ते हैं.”
आपकी बात को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने जीरो बजट कृषि को प्रोत्साहित करने तथा इसके लिए प्रभावी कदम उठाने के उद्देश्य से
एक कमेटी के गठन की भी घोषणा किया है जिसके अंतर्गत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने तथा देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर
क्रॉप पैटर्न के वैज्ञानिक आधार पर कृषि, एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से यह समिति अपना कार्य करेगी.