लखनऊ: देश की पहली शिक्षिका, महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने वाली सावित्रीबाई फुले की जयंती पर महंगाई पर रोक लगाने तथा लड़कियों की
केजी से पीजी तक की शिक्षा मुफ्त करने सहित अनेक मांगों जैसे धर्म संसद में भड़काऊ भाषण के विरुद्ध रोक आदि को
‘अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन’ ने जोरदार ढंग से रखे. इस संगठन ने सदर तहसील गोमती नगर लखनऊ में प्रतिवाद मार्च का आयोजन करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित करके एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.
इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए एपवा (AIPWA)की राज्य सहसचिव मीना सिंह ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं की ‘बुल्ली बाई’ एप्लीकेशन के माध्यम से
ऑनलाइन बिक्री का इश्तिहार करने वाले महिला विरोधी अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए.
इस घृणित और नफरत भरे कृत्य ने हमारे राष्ट्र, धर्म, संस्कृति को पूरी दुनिया में शर्मसार करने का कार्य किया है.
खुलेआम कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. यही नहीं दंगाइयों के खिलाफ कोई कार्यवाही भी नहीं हो रही है जिसके पीछे मुख्य कारण उन्हें सत्ता के संरक्षण का प्राप्त होना है.
इस सभा को संबोधित करते हुए घरेलू कामगार यूनियन के संयोजक मोअजमा ने कहा कि महंगाई की वजह से आम आदमी का जीवन दूभर हो चुका है.
वैसे तो इसका दंश पूरा समाज भोग रहा है किंतु असंगठित क्षेत्र के मेहनत करके जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए यह असहनीय हो गया है.
घर के बिगड़ते बजट का सबसे अधिक प्रभाव लड़कियों की शिक्षा पर भी देखने को मिल रहा है. यदि इस पितृसत्तात्मक समाज में हमने लड़कियों के लिए
उच्च शिक्षा का प्रबंध कर लिया व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को भी मुफ्त शिक्षा के रूप में व्यवस्थित कर लिया तो मुझे लगता है कि भारत में महिला शिक्षा की अग्रदूत सावित्रीबाई फुले के प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी.