उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक दिवसीय दौरे पर आए अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश 2022 को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा है कि-
“मैं अखबारों को पढ़ता रहता हूं जिसमें नेताओं के रोज बयान आते हैं और चुनाव आने के बाद सक्रिय होने वाले नेताओं की सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में देखता हूं.”
शाह ने विपक्षी दल के नेताओं खासकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाना बनाते हुए कहा कि बाढ़ आने, कोरोनावायरस के वक्त तथा भूख से मरने वाले लोगों के समक्ष दिखाई नहीं पड़ते हैं.
लखनऊ में गृहमंत्री अमित शाह ने जिस भूमि पर फोरेंसिक विश्वविद्यालय की नींव रखने का भूमिपूजन किया वह 142 एकड़ का पूरा प्लाॅट एक माफिया के कब्जे में था। https://t.co/eyglL9yNGR
— Sanjay Govind Khoche (@Sanjay_G_Khoche) August 2, 2021
जब किसानों के कर्ज माफ करने थे तो यह लोग मौज मस्ती में व्यस्त थे और आज चुनाव जब नजदीक है तो यह जरूर दिखाई पड़ेंगे.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए शाह ने बताया कि-“परिवारवाद को उखाड़ फेंकने का कार्य भाजपा ने किया है और उत्तर प्रदेश की जनता से निवेदन है कि चौमुखी विकास को देखते हुए वह उनका सहयोग करें.”
पूर्ववर्ती सपा सरकार की ओर इशारा करते हुए अमित शाह ने कहा कि पहले पश्चिम से लोग घर बार छोड़कर भाग रहे थे, महिलाएं असुरक्षित थीं, दिनदहाड़े गोलियां चलती रहती थीं
लेकिन 2017 में भाजपा ने एक वादा किया था कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की दृष्टि से ठीक बनाएंगे और विकसित राज्य का निर्माण करेंगे.
आज 2021 में मै गर्व के साथ कह सकता हूं कि योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम ने दंगा ग्रस्त उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज स्थापित किया है.