आईजी अमिताभ ठाकुर सहित 3 आईपीएस अफसरों को किया गया जबरन रिटायर

तीन प्रमुख आईपीएस अधिकारियों जिनमें अमिताभ ठाकुर जो आईजी रूल्स एंड मैनुअल के रूप में तैनात हैं जबकि राजेश कृष्ण जो सेनानायक 10 वीं बटालियन बाराबंकी में है,

इन पर आजमगढ़ में हुई पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप चल रहा है. इनके अलावा राकेश शंकर यह डीआईजी स्थापना है, इन पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका का आरोप लगा है जिसकी जांच चल रही है.

आपको बताते चलें कि इन तीनों आईपीएस अधिकारियों को लेकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी हुआ है कि अमिताभ ठाकुर लोकहित में सेवा बनाए रखने के लिए उपयुक्त नहीं है.

ऐसे में इन्हें वीआरएस यानी कि जबरन सेवानिवृत्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है. इस आदेश के संबंध में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह

अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली 17 मार्च, 2021 के आदेश के तहत अमिताभ ठाकुर पर कार्यवाही की गई है.

IPS Amitabh Thakur who messed up with Mulayam Singh Yadav, comes again in  Limelite in bihar - News Nation

आपको बता दें कि अमिताभ ठाकुर उत्तर प्रदेश कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. इनके विरूद्ध पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम यादव के खिलाफ मोर्चा खोलने के अतिरिक्त कई केस में मुकदमा दर्ज करवाया गया था.

इसके बाद अखिलेश यादव सरकार ने भी उनके ऊपर केस दर्ज करवाया. ऐसा भी आरोप लगा है कि 1993 में इन्होंने अपनी सेवा प्रारंभ करते वक्त अपनी संपत्ति का संपूर्ण विवरण शासन को नहीं दिया.

अगर देखा जाए तो अमिताभ ठाकुर ने अपनी पत्नी और बच्चों के नाम से काफी संख्या में चल और अचल संपत्तियां, बैंक, पीएफ इकट्ठा कर रखा है जिनका कोई उपयुक्त प्रमाण उपलब्ध नहीं है.

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