तीन प्रमुख आईपीएस अधिकारियों जिनमें अमिताभ ठाकुर जो आईजी रूल्स एंड मैनुअल के रूप में तैनात हैं जबकि राजेश कृष्ण जो सेनानायक 10 वीं बटालियन बाराबंकी में है,
इन पर आजमगढ़ में हुई पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप चल रहा है. इनके अलावा राकेश शंकर यह डीआईजी स्थापना है, इन पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका का आरोप लगा है जिसकी जांच चल रही है.
UP के चर्चित अमिताभ ठाकुर सहित 3 IPS अफसर पर गिरी गाज, जबरन रिटायर#HindiNews https://t.co/OXDpbR6185
— News18 Uttar Pradesh (@News18UP) March 23, 2021
आपको बताते चलें कि इन तीनों आईपीएस अधिकारियों को लेकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी हुआ है कि अमिताभ ठाकुर लोकहित में सेवा बनाए रखने के लिए उपयुक्त नहीं है.
ऐसे में इन्हें वीआरएस यानी कि जबरन सेवानिवृत्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है. इस आदेश के संबंध में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह
अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली 17 मार्च, 2021 के आदेश के तहत अमिताभ ठाकुर पर कार्यवाही की गई है.
आपको बता दें कि अमिताभ ठाकुर उत्तर प्रदेश कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. इनके विरूद्ध पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम यादव के खिलाफ मोर्चा खोलने के अतिरिक्त कई केस में मुकदमा दर्ज करवाया गया था.
इसके बाद अखिलेश यादव सरकार ने भी उनके ऊपर केस दर्ज करवाया. ऐसा भी आरोप लगा है कि 1993 में इन्होंने अपनी सेवा प्रारंभ करते वक्त अपनी संपत्ति का संपूर्ण विवरण शासन को नहीं दिया.
अगर देखा जाए तो अमिताभ ठाकुर ने अपनी पत्नी और बच्चों के नाम से काफी संख्या में चल और अचल संपत्तियां, बैंक, पीएफ इकट्ठा कर रखा है जिनका कोई उपयुक्त प्रमाण उपलब्ध नहीं है.