देश के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी अब केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयकों के विरुद्ध किसानों का समर्थन देने का ऐलान किया है.
इन्होंने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र लिखकर सूचित किया है कि यदि किसानों की मांग पूरी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल शुरू करेंगे.
Anna Hajare Should Feel Proud That His Favourite Chela Kejrewal Has been serving Kisaan Andolan Participants in Delhi and has Supervised all Arrangements on humanitarian groundsand Inspected everyThing butNot A CM Delhi no Stage Appearance.#Anna Hajjare https://t.co/b8WYWl5tB0
— Jab Singh Rana My (Retweets are Not Endorsements) (@JabSinghRana) December 9, 2020
इसके साथ ही साथ अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करें तथा कृषि लागत और मूल्य आयोग को स्वायत्तता दे ताकि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य प्राप्त हो सके.
आपको यहां बता दें कि यह वही अन्ना हजारे हैं जिन्होंने कांग्रेस के शासन में फैले भ्रष्टाचार तथा लोकपाल के मुद्दे को लेकर दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में बड़े स्तर पर आंदोलन को नेतृत्व दिया था.
Farmers' protest at Tikri border continues for the 20th day
Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar yesterday said that discussions should be held clause by clause.#FarmLaws pic.twitter.com/YBQ9xqYcj4
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) December 15, 2020
हालांकि अन्ना हजारे के इस एलान के विषय में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि- “उन्हें नहीं लगता कि अन्ना हजारे इस आंदोलन में शामिल होंगे.”
There are some elements who are trying to misguide farmers by misusing this protest. This is wrong. Farmers should try to understand the three laws: Union Minister Nitin Gadkari https://t.co/kgM8brPe8q
— The Times Of India (@timesofindia) December 15, 2020
आज इस दिसंबर की ठिठुरन भरी ठंड में किसान विगत 20 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर दिन-रात धरने पर बैठे हुए हैं. उनकी मांग है कि सरकार कृषि बिलों को लेकर पुनः विश्लेषण करे तथा किसानों को संतुष्ट करे ताकि वह इस आंदोलन को समाप्त करें.