मिली सूचना के मुताबिक शहीद भगत सिंह सेवा दल के साथ काम करने वाले कोरोना योद्धा आरिफ खान जो कोरोना संक्रमित मरीजों तथा इस बीमारी से मरने वाले लोगों को एंबुलेंस से ढोने का कार्य पिछले 6 महीने से कर रहे थे,
वह आज खुद कोरोना संक्रमित होकर अपनी जान गवा बैठे हैं. आपको यहां बता दें कि यह सेवा दल दिल्ली-एनसीआर में मुफ्त आपातकालीन सेवाएं देता था.
जब यदि किसी कोरोना मरीज की मौत हो जाती थी और उसके परिवार के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे तक नहीं होते थे तो आरिफ खान पैसे देकर के भी उनकी मदद किया करते थे.
कोविड महामारी के विरुद्ध अभियान के समर्पित योद्धा दिल्ली के श्री आरिफ खान की मृत्यु के समाचार से दुखी हूं। महामारी के दिनों में अपनी एम्बुलेंस से आपने मृतकों की सम्मानपूर्वक अंत्येष्टि में सहायता की। ऐसे समर्पित नागरिक की मृत्यु समाज के लिए क्षति है। https://t.co/FlGaY80NhO
— Vice-President of India (@VPIndia) October 11, 2020
इस घटना से आहत होकर शहीद भगत सिंह सेवा दल की ओर से अपील की गई है कि-” भाई आरिफ खान की आत्मा की शांति के लिए सभी लोगों से गुजारिश है कि वह दुआ करें.”
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि-“कोविड-19 के विरुद्ध अभियान के समर्पित योद्धा दिल्ली के आरिफ खान की मृत्यु के समाचार से दुखी हूं. ऐसे समर्पित नागरिक की मृत्यु समाज के लिए बड़ी क्षति है. मेरी विनम्र श्रद्धांजलि.”
आपको बता दें कि एंबुलेंस ड्राइवर आरिफ ने अपनी जान जोखिम में डालकर 200 से ज्यादा मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया तथा 100 से अधिक शवों को अंत्येष्टि संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचाया था.
कोरोना संक्रमित होने के कारण इनका इलाज दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल में चल रहा था. इनकी मौत से दुखी होकर भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेंद्र सिंह शंटी ने कहा कि-“मुस्लिम होकर भी आरिफ ने अपने हाथों से सौ से भी ज्यादा हिंदुओं के शव का अंतिम संस्कार किया था.”
शंटी ने आरिफ को वास्तविक करोना योद्धा बताते हुए सरकार से इन्हें एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की मांग किया है.