BY- THE FIRE TEAM
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश में सेना के नाम पर कहीं-न-कहीं राजनीति की जा रही है। लोक सभा चुनाव के प्रचार के समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि क्या आपका पहला वोट पुलवामा में शहीद हुए सेना के जवानों को नहीं जा सकता।
इस बीच चुनाव आयोग में प्रधानमंत्री की शिकायत भी हुई थी। इस मुद्दे को लेकर छिड़ी बहस में पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल का बयान है जो काफी महत्वपूर्ण है।
साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक की अगुवाई करने वाले डी.एस. हुड्डा ने कहा- मोदी सरकार ने सेना को सीमा पार हमले करने की अनुमति देने में बहुत बड़ा संकल्प दिखाया है, लेकिन सेना के हाथ उससे पहले भी बंधे हुए नहीं थे।
उन्होंने कहा सेना को खुली छूट देने के बारे में बहुत ज्यादा बातें हुई हैं लेकिन 1947 से सेना सीमा पर स्वतंत्र है, इसने तीन-चार युद्ध लड़े हैं।
हुड्डा ने कहा नियंत्रण रेखा पर आपके ऊपर गोलीबारी की जा रही है और जमीन पर सैनिक इसका तुरंत जवाब देंगे। वे (सैनिक) मुझसे भी नहीं पूछेंगे। अनुमति लेने का कोई सवाल ही नहीं है।