असम: मिली जानकारी के मुताबिक असम मंत्रिमंडल ने जादू-टोना तथा झाड़ फूंक से इलाज करने वालों के विरुद्ध कठोर कदम उठाते हुए
इस तरह की प्रथाओं के उन्मूलन को लेकर विधेयक पारित किया है. इस विधेयक में जादू, टोने से उपचार करने वालों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान किया गया है.
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री हेमंत विश्वशर्मा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक की गई जिसमें यह निर्णय लिया गया है.
X (ट्विटर) पर मुख्यमंत्री ने बताया है कि मंत्रिमंडल ने असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक 2024 को स्वीकृति दे दिया है.
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इस विधेयक का उद्देश्य है कि बहरापन गूंगापन, दृष्टिहीनता, शारीरिक अपंगता तथा अपने आप में खोए रहने जैसी जन्मजात बीमारियों के उपचार के नाम पर
झाड़, फूंक करने वाले तथाकथित बाबाओं पर नकेल डालना है. जैसा कि हम सभी जानते हैं इस तरह की बीमारियों के इलाज के करने के नाम पर
गरीबों तथा मासूमों को निशाना बनाकर उनसे जबरन वसूली की जाती है. यह एक गोरख धंधा है जिसका निदान किया जाना आवश्यक है.