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असम के नवगांव की रहने वाली ढिंग एक्सप्रेस के नाम से मशहूर जानी-मानी धाविका हिमा दास ने खेल के बल पर अपनी तकदीर बदल दिया.

वैसे तो अपने जीवन में हिमा फुटबॉल खेल कर अपना कैरियर बनाना चाहती थीं किंतु अच्छी स्टैमना तथा दौड़ने की क्षमता के कारण इनके स्पोर्ट टीचर ने इन्हें एथलेटिक्स में दौड़ करने की सलाह दिया.

इसको मानते हुए हिमा ने इसे अपना जुनून बना लिया. उन्होंने 400 मीटर की राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए

विश्व स्तर पर अंडर 20 चैंपियनशिप की ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में भाग लेकर चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय बनने का स्थान प्राप्त किया.

इंडोनेशिया में वर्ष 2018 के दौरान आयोजित हुए इस चैंपियनशिप में 400 मीटर में भारतीय एथलेटिक्स को नई पहचान दिया.

उसी वर्ष जकार्ता में आयोजित एशियाई खेलों में भी हिमा दास 400 मीटर की व्यक्तिगत स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तो बनाई किंतु स्वर्ण पदक जीतने से चूक गई तथा रजत पदक हासिल करने में सफलता पाई.

हालांकि 4 गुणा 400 मीटर रिले में हिमा ने अपनी टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई. उनकी इन्हीं कामयाबियों को देखकर वर्ष 2018 में हिमा को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया.

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