(सईद आलम खान की कलम से)
गोरखपुर: आज देश स्वतंत्र संग्राम की 75 वीं वर्षगांठ मनाते हुए आजादी का अमृत महोत्सव, तिरंगा रैली जैसे कार्यक्रम कर रहा है.
किंतु देश में दलितों के प्रति भेदभाव तथा घटती घटनाओं को देखकर हमारा सर शर्म से झुक जाता है. जी, हम बात कर रहे हैं राजस्थान राज्य के जालौर जिले में घटित घटना की जिसको लेकर
असुर (Ambedkarite Student Union for Rights-ASUR) छात्र संघ के बैनर तले, राजस्थान के जालौर जिले में
सवर्ण शिक्षक के मटके का पानी पीने के कारण नौ वर्ष के मासूम दलित इंद्र मेघवाल की पीट-पीटकर हत्या से
आक्रोशित छात्रों ने अंबेडकर चौक पर प्रदर्शन कर न्याय की मांग किया है. इस दौरान जातिवाद मुर्दाबाद, राजस्थान सरकार मुर्दाबाद,
राजस्थान की कांग्रेस सरकार शर्म करो, जातिवाद शिक्षक को फांसी दो जैसे नारे लगे. कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे ASUR संगठन के
जिलाप्रभारी आदित्य देव ने बताया कि-“आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी कुछ लोगों की मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आया है. आज भी उनकी सोच कुंठित व जातिवाद से ग्रसित है.”
मनुवादी सोच के शिक्षक द्वारा एक नौ वर्ष के अबोध बालक को इसलिए मार दिया गया क्योंकि वो अछूत जाति से था जिसके द्वारा पानी के मटके को छू लेने से पानी का मटका दूषित हो गया.
उस शिक्षक ने छात्र इंद्र मेघवाल को 20 जुलाई को बहुत बुरी तरह मारा-पीटा जिसके कारण गंभीर चोट लगने की वजह से 14 अगस्त को उसकी मृत्यु हो गई जो बहुत दुःखद है.
ऐसे जघन्य अपराध के बावजूद उक्त जातिवादी शिक्षक की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई जो निदनीय है.
कार्यक्रम का संचालन सुधीराम रावत ने करते हुए बताया कि-“इस 21वीं सदी में भी यदि 18 वीं सदी के संकुचित सोच वाले लोगों को शिक्षक बनाया जायेगा तो ऐसी घटनायें लाज़मी हैं.”
ऐसे शिक्षक संविधान की समता और सामानता के अधिकारों से अनिभिज्ञ हैं. वो संविधान को पढ़ते तो इस दौर में ऐसी भेदभाव व क्रूर सोच एक बालक के प्रति नहीं रखते. ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित पूर्वांचल सेना के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र वाल्मीकि ने कहा की राजस्थान की यह घटना दिल दहला देने वाली है.
ऐसे जातिवादी शिक्षक को तत्काल फांसी की सज़ा होनी चाहिए लेकिन राजस्थान सरकार मामले को लिपापोती करने में लगी है.
गहलोत सरकार ये भूल रही है कि इस घटना से पूरा देश आक्रोशित है. छात्र इंद्र मेघवाल को जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक बहुजन समाज शांत नहीं बैठने वाला है.
कार्यक्रम में मंजेश कुमार, ईश कुमार, विनय कुमार, दिनेश, अनिल प्रताप, विशाल राजा, सावन भारती, संदीप जाटव, सुमित, अरविंद प्रकाश, करुणेश आदि दर्जनों लोग उपस्थित रहे.