गोरखपुर: पत्रकारिता जगत का चमकता सूरज असमय डूब गया, एक अच्छा इंसान इस दुनिया को अलविदा कह गया. यह बातें ब्यूरो प्रभारी मनव्वर रिज़वी ने अवधनामा ग्रुप के हेड वक़ार मेहदी रिज़वी के निधन पर ब्यूरो कार्यालय गोरखपुर पर आयोजित एक शोक सभा में कही.
उन्होंने कहा कि वक़ार भाई के इस तरह अचानक चले जाने से इंसानियत का ऐसा नुकसान हुआ है जिसकी भरपायी होना मुश्किल है. उर्दू अदब और क़ौम की खिदमत से लेकर इंसान को इंसान से
अत्यंत दुःखद!
वरिष्ठ पत्रकार, उर्दू समाचार पत्र "अवधनामा" के एडिटर जनाब वक़ार रिज़वी साहब का इंतक़ाल, अपूरणीय क्षति।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व शोक संतप्त परिवार को दुख की इस घड़ी में संबल प्रदान करें।
भावभीनी श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/tes6oGl9oR
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) May 10, 2021
जोड़ने का उनका जज़्बा और हुनर ही था की हुसैन डे, अली डे और ख़दीजा ट्रेड फ़ेयर जैसे तमाम आयोजन के ज़रिए हमेशा अलग-अलग धर्म और मसलक के लोगों को खूबसूरती के साथ एक छत के नीचे इकठ्ठा कर इंसानियत का संदेश देते थे.
इस मौके पर पत्रकार मोहम्मद खालिद ने कहा कि- “वक़ार रिज़वी की दीनी और अदबी खिदमात को हमेशा याद किया जाएगा”
शोक सभा में फ़ोटो जर्नालिस्ट आदर्श श्रीवास्तव ने कहा कि- “अपनी लेखनी की बदौलत वक़ार रिज़वी हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे.”
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने उर्दू दैनिक समाचार पत्र अवधनामा, लखनऊ के पत्रकार श्री सै. वकार मेहंदी रिज़वी जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री जी ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
— Yogi Government Updates (@yogigovtupdates) May 11, 2021
अवधनामा के पिपराइच संवाददाता मोहम्मद नजीब और शमशाद ने कहा कि वक़ार रिज़वी का इस तरह चले जाना हम सबके लिए एक ऐसा सदमा है जिससे उबर पाना आसान नही होगा.
अवधनामा के भटहट प्रतिनिधि डॉ0 इम्तियाज़ ने बताया कि-” वक़ार रिज़वी से कभी मिला तो नहीं लेकिन उनके लेखों के ज़रिए अक्सर गायबाना मुलाक़ात होती थी. उन्होंने कहा कि वक़ार भाई एक इंसान नही बल्कि एक यूनिवर्सिटी थे जिनसे अभी बहुत कुछ सीखना था.”
शोक सभा में पत्रकार मोहम्मद अली तौकीर, एडवोकेट अहमर रिज़वी, शारिक अली खान के अलावा कार्यालय के सभी कर्मचारियों की मौजूदगी रही.