अयोध्या में महिलाओं के आश्रम पर बिहारी महंत और बिहारी पुलिसिया दबदबे की नजर

फैजाबाद: अयोध्या स्थित राम जन्म भूमि थाने में सुप्रीम कोर्ट के वकील के जरिये रामनाम योगाश्रम अमवा मंदिर की तीन बुजुर्ग महिलाओं ने राम कचहरी मंदिर के

महंथ शशिकांत दास और पूर्व पुलिस अधिकारी एवं निखिल भारतीय तीर्थ विकास ट्रस्ट के सर्वे सर्वा किशोर कुणाल के खिलाफ उन्हें तंग करने की शिकायत दर्ज करायी है.

कुमारी लक्षमीराव 68 साल ने शिकायत में लिखा है कि उनके साथ दो और बुजुर्ग महिलाएं हैं जिनकी उम्र सत्तर साल और पचह्तर साल की है. तीनों रामनाम योगाश्रम अमवा मंदिर रामकोट की वारिस हैं

जो कि रामनाम योगाश्रम में स्वामी रामकृष्णा नंद की मृत्यु के बाद कानूनी वारिस बनी हैं. रामकृष्णानंद जी ने आश्रम की सारी संपति का वारिस वसीयत के जरिये तीनों महिलाओं को बनाया है.

महिलाओं द्वारा संचालित इस आश्रम पर कई मठाधीशों की निगाहें वर्षों से लगी हुई हैं. शिकायत में कहा गया है कि निखिल भारतीय तीर्थ विकास ट्रस्ट अमवा मंदिर

के सर्वे सर्वा किशोर कुणाल आश्रम के मुख्य दरवाजे के सामने शौचालय बनवाना चाहते हैं. वे 9 अप्रैल, 2021 को आश्रम में भी गए थे लेकिन उन्हें यह जानकारी दी गई कि न्यायालय द्वारा किसी तरह के निर्माण के विरुद्ध रोक लगाई गई है और न्यायालय के आदेश की प्रति भी उन्हें दी.

किन्तु 6 मई, 2021 को आश्रम से सटे रामकचहरी मंदिर के महंत शशिकांत दास ने दीवार में छेद करके गंदे पानी के निकासी के लिए एक नाली बना दिया.

लक्षमी राव ने शिकायत में लिखा है कि किशोर कुणाल और शशिकांत दास मिलकर आश्रम की तरफ नाली का निकास बना रहे हैं. यह अदालत के आदेश की अवहेलना के साथ कोरोना काल

में उनके स्वास्थ्य को खतरे में डालने की कोशिश है. इसके बाद बुजुर्ग महिलाओं ने वकील आर गोपाल की मदद ली जिनके पिताजी आश्रम के एक स्वामी थे और उनकी मृत्यु हो चुकी है.

शिकायत कर्ता लक्षमी राव ने बताया है कि कोरोना के कारण अदालत में सुनवाई नहीं हो रही है इसीलिए पुलिस से कोरोना के बुरे असर से सुरक्षा के लिए नाली बंद करवाने की कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. शिकायत की प्रति पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी को भी भेजी गई है.

विदित हो कि आर गोपाल ने मेल के जरिये किशोर कुणाल को न्यायालय के आदेश के बारे में जानकारी दी. किशोर कुणाल की तरफ से जवाब मिला है कि उन्हें न्यायालय के आदेश के जानकारी नहीं थी.

इस प्रसंग की वास्तविकता यह है कि कोरोना की महामारी को अवसर के रुप में इस्तेमाल करने की कोशिश हर स्तर पर देखने को मिल रही है.

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