उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से योगी सरकार धार्मिक और पर्यटन स्थलों के चौमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है उसी तरीके से अयोध्या को भी नित नए ढंग से आकर्षण का केंद्र बनाने पर जोर दे रही है.
इस क्रम में अयोध्या-लखनऊ के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर का ‘रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र’ बनाने की रूपरेखा योगी सरकार के द्वारा तैयार की गई है.
अयोध्या और लखनऊ के बीच रामसनेही घाट के कुछ हिस्से पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र’ की स्थापना की जाएगी.
संजय त्रिपाठी (@sanjayjourno) की रिपोर्ट #RamMuseum #Ayodhya https://t.co/4jcHrgRffp
— ABP News (@ABPNews) April 4, 2021
इसको अमलीजामा पहनाने के लिए संस्कृति विभाग ने 10 एकड़ की जमीन रामसनेही घाट पर चिन्हित भी कर लिया है. इस स्थान पर भगवान श्री राम के
जीवन काल की विभिन्न प्रसंगों का दर्शन श्रद्धालुओं को कराए जाने का निर्णय लिया गया है. आपको बताते चलें कि इस परिसर में कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, लोक व्यंजन,
रामायण विश्व यात्रा, वीथिका, राम वन गमन मार्ग, पुस्तकालय शोध और प्रकाशन केंद्र, रामलीला प्रशिक्षण केंद्र आदि विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने का प्रस्ताव रखा गया है.
देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों के रहने के लिए आवास बनाए जाने तथा यात्रियों के लिए अल्प विश्राम तथा सुबह और शाम सामूहिक भजन-भोजन की भी व्यवस्था का प्रबंध किया जाएगा.
यहां तक की कठपुतली कला के जरिए रामायण की प्रस्तुति का प्रबंधन भी किया जा रहा है. इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान देने के लिए रूस, जापान, इंडोनेशिया,
मलेशिया, थाईलैंड आदि देशों के कठपुतली कलाकारों को आमंत्रित करने के अतिरिक्त उनसे भारतीय कला को कैसे प्रसारित किया जाए इसका भी प्रशिक्षण लिया जाएगा.