BY- THE FIRE TEAM
हमेशा अपनी फिल्मों के माध्यम से समाज में संवेदनशील विषयों को संबोधित करने के लिए, निर्देशक अनुभव सिन्हा धर्म और आतंकवाद के दहनशील मुद्दे को चित्रित करने से पीछे नहीं हटते हैं।
निर्देशक ने आर्टिकल 15 नाम की एक फ़िल्म बनाई है जिसमें आयुष्मान खुराना मुख्य भूमिका में हैं और यह फ़िल्म राष्ट्र में प्रचलित जाति व्यवस्था के मुद्दों को संबोधित कर रही है।
चौंकाने वाली सच्ची घटनाओं के आधार पर, आर्टिकल 15 ऑनर किलिंग की भयावह और पुलिस विभाग के लापरवाह रवैये की कहानी है।
फिल्म का उद्देश्य लोगों को संविधान के अनुच्छेद 15 के बारे में याद दिलाना है जो धर्म, जाति, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है।
फ़िल्म के ट्रेलर के मुताबिक फिल्म यह बयां करती है कि इसके मूल्य को कैसे भुला दिया गया है लेकिन निर्माताओं पर ब्राह्मण समुदाय को नकारात्मक रूप से चित्रित करने का आरोप लगाया गया है।
फ़िल्म को उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुए दो नाबालिग लड़कियों के बलात्कार के मामले से प्रेरित मानते जा रहा है, जिनकी बाद में हत्या कर एक पेड़ से लटका दिया गया था।
हालांकि, राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरते हुए एक ब्राह्मण संगठन परशुराम सेना को कथित तौर पर फिल्म में फेरबदल का आरोप लगाया है।
आरोपी पुरुषों को ब्राह्मण के रूप में चित्रित करने के इरादे से उन्हें लगता है कि यह समुदाय को बदनाम करेगा और इसलिए उनकी नाराजगी को देखते हुए आरोप लगाया कि फिल्म ब्राह्मण समुदाय को बदनाम कर रही है।
सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि करणी सेना ने भी मल्टीप्लेक्स मालिकों को भय दिखाया है ताकि फिल्म की रिलीज को रोक जा सके।
सिनेमा मालिकों ने स्थानीय पुलिस स्टेशनों से मदद और अतिरिक्त सुरक्षा के लिए अनुरोध किया है।
इसके अलावा रिपोर्टों के अनुसार, अनुभव सिन्हा और आयुष्मान खुराना को सोशल मीडिया पर फिल्म की रिलीज से पहले धमकियां मिल रही हैं।
आईएएनएस के साथ हाल ही में एक मीडिया साक्षात्कार में अपने रुख को सामने रखते हुए, आयुष्मान ने स्पष्ट किया था, “मैंने देखा है कि आर्टिकल 15 को लेेेकर बहुत विवाद है।”
उन्होंने कहा, “जो भी इस फ़िल्म का विरोध कर रहा है मैं उसे बताना चाहूंगा कि वे एक बार फ़िल्म जरूर देखें। हमारी फ़िल्म किसी एक समुदाय के पक्ष में नहीं है और ना ही किसी समुदाय को बदनाम कर रही है।”
आयुष्मान ने बताया, “हमारी फ़िल्म को सेंसर बोर्ड ने पास किया है और यह सत्य घटना पर आधारित नहीं है। हमारी फ़िल्म बस देश में ही रही विशेष घटनाओं की श्रृंखला का एक सम्मेलन है।”
उन्होंने कहा, “यह फ़िल्म आपको असहज महसूस करा सकती है क्योंकि यह देश मे हो रही घटनाओं पर आधारित है लेकिन आप सभी फ़िल्म एक बार जरूर देखें और पहले से ही फ़िल्म को लेके कोई धारणा ना बनाये।”
यह फिल्म 28 जून को रिलीज़ होने वाली है और इसमें मनोज पाहवा, ईशा तलवार, कुमुद मिश्रा और मोहम्मद जीशान अय्यूब भी हैं।
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