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विकास का कोई ऐसा स्वरूप जो हमारा जीवन छीनता है, सीमित करता है या कमजोर करता है, ‘क्राइम है.’ विकास शब्द जीवन के बिना अस्तित्वहीन है.

‘जमीन’ जीवन से अभिन्न” है क्योंकि जीवन जीने के लिए जो अनाज आदमी खाता है, वह जमीन से पैदा होता है. जब जमीन ले ली जाएगी, तब उस जमीन पर

पैदा होने वाला अनाज खा कर जीने वाले लोग मर जाएंगे इसलिए जिस जमीन पर लोग अनाज पैदा कर रहे हैं, जमीन के जिस हिस्से पर पैतृक रूप से निर्मित घरों में लोगों का ‘शेल्टर’ है,

उसे छीनने या उस पर बुलडोजर चलाना असंवैधानिक भी है और अपराध भी. खिरिया बाग, आजमगढ़ शहर से लगभग 15-20 किलोमीटर दूर गांव है,

जहां छोटे-छोटे निर्धन किसान मजदूर हैं जो अपनी जमीन पर खेती-बारी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. उनके जीने का दूसरा कोई साधन नहीं,

यहाँ लगभग 25 से 40 हज़ार लोगों के मकान हैं एवं झोपड़ियां हैं. अपने मवेशियों के साथ कहां और क्यों जाएंगे? हमें आजादी के साथ जीवन जीने का मौलिक अधिकार प्राप्त है.

आखिर यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट किस ‘जीवन’ की रक्षा के लिए किसके लिए, किस विकास के लिए, किसकी मांग पर प्रस्तावित है?

खिरिया बाग के निर्धन एवं गरीब किसान इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मतलब हीं नहीं जानते. उन लोगों में से किसी ने एयरपोर्ट की मांग नहीं की.

आखिर यह एयरपोर्ट किसके आदेश पर और क्यों निर्मित कराया जा रहा है जबकि इस एयरपोर्ट का “मनुष्यता” से कोई रिश्ता नहीं है.

किसानों की जमीन एवं घर छीन कर इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण, अनकॉन्स्टिट्यूशनल एवं क्रिमिनल ऑफेंस है, इसे समाप्त कर दिया जाए.

भूमि अधिग्रहण के विरोध का आज 100 वां दिन है. खिरिया बाग में पुरुष काम धंधे में लगा है और “प्रोटेस्ट” वहां की हजारों महिलाएं कर रही हैं.

समाजसेवी एवं सामाजिक संगठन खिरिया बाग इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. इस एयरपोर्ट निर्माण इनहुमन ‘आर्बिट्रेरी’

अनकंस्टीट्यूशनल” एवं अपराधिक”कृत्य है, ऐसे कृत्य से मनुष्यता तो मर ही रही है भारत बर्बादी की ओर खिसकता जा रहा है.

मैं किसान पुत्र किसान हूं, 58 साल की उम्र में कुदाल चलाकर अनाज पैदा करता हूं. विगत 34 वर्षों में 10 हज़ार पेड़ों का ऑक्सीजन बाग लगाया हूं और 50 यूनिट से अधिक स्वैच्छिक ब्लड डोनेटर हूं.

अपनी निजी शांतिवन पुस्तकालय (2000 हज़ार) में बेरोजगारी दूर कर गरीबी मिटाने पर शोधरत हूं, खिरिया बाग मे जीवन, घर, मवेशी की हिफाजत

के लिए एयरपोर्ट निर्माण प्रस्ताव की समाप्ति चाहता हूं अन्यथा मुझे यानी जीवन की रक्षा “सत्यपथ” के लिए आमरण अनशन पर बाध्य होना पड़ेगा.

डॉ सम्पूर्णानन्द मल्ल

{कॉपी टू हॉनरेबल डिस्ट्रिक्ट जज आजमगढ़, हॉनरेबल सीजेएम आजमगढ़, रिस्पेक्टेड डीएम आजमगढ़, रिस्पेक्टेड एसएसपी आजमगढ़}

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