खिरिया बाग (कप्तानगंज) आजमगढ़: ‘जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा’ के तत्वाधान में खिरिया बाग का धरना आज भी जारी रहा जहां रोज की तरह गांव-गांव के किसान मजदूर, महिलाओं ने हिस्सा लिया.
इस धरने में एयरपोर्ट विस्तारिकरण परियोजना को रद्द कराने संबंधित नारे लगे. वक्ताओं ने कहा कि खिरिया बाग की लड़ाई बहुफसलीय व घनी आबादी के
उर्वर जमीन की लूट और पर्यावरण विनाश के खिलाफ दीर्घकालिक व शांतिपूर्ण लड़ाई है. साथ ही सवाल उठाया गया कि वर्तमान मोदी सरकार
देश भर में जगह-जगह कारपोरेट पूंजीपतियों को सुपरप्राफिट देकर सुपरपावर बनाने को आतुरता क्यों दिखा रही है?
आखिर जनता, जमीन व जलवायु के विनाश पर आधारित कार्पोरेट विकास मॉडेल को देश में क्यों थोप रही है? ये गतिविधियां देश में “नयी गुलामी” आमंत्रित करने की साज़िश की ओर इशारा कर रही हैं.
वास्तव में संप्रभुता, संपन्नता, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण व विकास के लिए कारपोरेट हितैषी नीतियों को तिलांजलि देकर देश की जनता,
के जमीन व जलवायु की संरक्षण नीति पर चलना होगा. इसी संरक्षण नीति पर चलकर लोगों की आजीविका, रोजगार के संकट का हल निकल सकेगा.
आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारिकरण जनता की जरूरत नहीं कारपोरेट घरानें की जरूरत है. इसे जनता कभी स्वीकार नहीं कर सकती है.
खिरिया बाग का आंदोलन अपनी जमीन की लूट के खिलाफ जारी रहेगा. पहले से मौजूद करीब 104 एकड़ जमीन में घरेलू उड़ान कर पाने में नाकाम
डबल इंजन की सरकार अपने भ्रष्टाचार व लूट को छिपाने के लिये अब 670 एकड़ जमीन की लूट को विकास मॉडल के रुप में पेश करके जनता के बीच सफेद झूठ परोस रही है.
धरना को इप्टा के सांस्कृतिकर्मी कामरेड मटरू खलीफा, कवि नरोत्तम यादव, फूलमती, रेखा, विद्या, रामनयन यादव, सुशीला, सुनीता,
नकछेद राय, हरिहर प्रसाद, बैरागी, रामशब्द निषाद, बिंदु, लाल जी, तूफानी, सरोज आदि लोगों ने संबोधित किया.
(जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा, आजमगढ़ मोबाइल नंबर 99 35 5030 69)