BY- Dr. AJAY KUMAR
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के निर्माण मान्यवर कांशीराम जी और मुख्यमंत्री बहन मायावती जी के सपने के स्वरूप इसमें 50% सीटें आरक्षित वर्ग को देकर संसद में BBAU Act पास कराकर इसको कॉंग्रेस द्वारा 10 जनवरी 1996 को खुलवाया गया।
मान्यवर साहेब ने इस विश्वविद्यालय की नींव महाराष्ट्र में रखी थी लेकिन कांग्रेस ने जिद्द और राजनैतिक कारण वश यहां लखनऊ में स्थापित कर दिया।
मान्यवर साहेब का मानना था कि यह विश्वविद्यालय अगर लखनऊ में खुलता है तो यह सिर्फ राजनैतिक भेंट चढ़ जाएगा।
मान्यवर साहेब की बात आज सच हो गई है क्योंकि इस विश्वविद्यालय को जब तक अनुसूचित जाति के कुलपति ने चलाया तब तक यह विश्वविद्यालय देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में गिना जाता था।
जिसकी रैंक अंतिम 2012 तक अनुसूचित जाति के कुलपति प्रो हनुमैय्या जिबके कार्यकाल तक 100 के अंदर थी लेकिन उसके बाद सामान्य वर्ग के कुलपति प्रो सोबती जी ने इसको बर्बाद करके #Non_performing विश्वविद्यालय में खड़ा कर दिया है।
यह वीडियो मैंने पिछले साल के स्थापना दिवस का है जिसमें मैंने बाबासाहेब के नाम से बने विश्वविद्यालय में लंदन में बाबासाहेब से जुड़ी अनमोल धरोहर के बारे में सभी बताया।
जब मैं एक कांफ्रेंस के लिए लंदन गया था तो मुझे सौभाग्यवश बाबासाहेब की जुड़ी सारी धरोहर देखने और महसूस करने का मौका मिला था।
आज मैं जहां भी हूँ और वह सब इस BBAU की वजह से ही हूँ। हमारे इस विश्वविद्यालय ने मुझे बहुत कुछ दिया है।
बाबासाहेब के बारे में मुझे पहली बार यहीं पढ़ने का मौका मिला और उसके बाद मैं बाबासाहेब के विचारों को लेकर काफी जिज्ञासु हुआ और मेरे अंदर काफी परिवर्तन हुए।
यह विश्वविद्यालय हर साल बहुजन समाज के छात्रों को शिक्षित कर रहा है जो बाबासाहेब के सपने को साकार करने के तत्पर है।
यहां के छात्रों के लिए मेरा यही संदेश है कि वह इस विश्वविद्यालय में संसाधनों का भरपूर प्रयोग करें। जिनमें गौतम बुध्द पुस्तकालय और कंप्यूटर केंद्र का सबसे ज्यादा उपयोग करें।
महीने में कम से कम 15वें बाबासाहेब के विचारों हेतु एक संगोष्टी का आयोजन जरूर करें जिससे आने वाली पीढ़ी बाबासाहेब के सपने को जान सके। क्योंकि जब तक हमारी टीम थी तो सब बराबर होता रहता था लेकिन अब सब बंद हो गया है।
यहां विश्वविद्यालय को बनाने में और उसको मनुवादियो से बचाने में हमारे कई शिक्षकों और छात्रों ने महत्वपूर्ण योगदान और बलिदान दिया है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि आने वाली पीढ़ी उस योगदान और बलिदान को याद रखे और आने बुरे समय में विश्वविद्यालय कप बचाने में संघर्ष करें। क्योंकि इस विश्वविद्यालय पर दुश्मनों की नजर है इसे बर्बाद करने की और आपको मानसिक गुलाम बनाने की।
आज हमें इस विश्वविद्यालय के छात्र होने पर गर्व है।
आप सभी को BBAU स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई!!
आज हम सभी प्रण हम इस विश्वविद्यालय का नाम आगे चलकर हर क्षेत्र में रोशन करेंगे।
मुझे इस विश्वविद्यालय ने व्यक्तिगत तौर पर मजबूत बनाया है, प्रसिद्धि दी, बाबासाहेब को जाना, पीएचडी की डिग्री दी, लंदन जाने का अवसर दिया, एक सच्चा जीवन साथी दिया।
इसी विश्वविद्यालय की वजह से मुझे देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT दिल्ली में शोध करने का अवसर मिला।
#Thanks_BBAU
#Thanks_Teacher
#Thanks_AUDSU
डॉ अजय
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