लखनऊ: बीबीएयू में सुनाया गया तुगलकी फरमान, कैजुअल ड्रेस पे जुर्माना और धरना देने पर दाखिला रद्द


BY- THE FIRE TEAM


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में नया फरमान सुनाया गया है जिसके तहत विद्याथियों को जुर्माना और उनका दाखिल भी रद्द हो सकता है।

नये सत्र से बीबीएयू में विद्यार्थियों के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने वाला है जिसके तहत धरना देने पर दाखिला रद्द हो सकता है और कैंपस में कैजुअल ड्रेस पहनने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

बीबीएयू ने कोड ऑफ कंडक्ट को दो केटेगरी में बांटा है

केटेगरी I

इसके तहत धरना प्रदर्शन करना, विवि की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, छात्राओं से छेड़छाड़, कमेंट आदि करना फोन करना, मेसज करना आदि में दोषी पाए जाने वाले विद्यार्थियों पर कार्यवाई की जाएगी जिसमें उनका निष्कासन और दाखिला भी रद्द हो सकता है।

कैटेगरी II

इसके तहत रैगिंग करना, प्रशासनिक कार्य मे बाधा डालना, विवि परिसर जैसे कि क्लास में लाइब्रेरी में कैजुअल ड्रेस पहन कर आना, होस्टल में हीटर या अन्य प्रतिबंधित चीज का इस्तेमाल करना, होस्टल में अवैध रूप से किसी को रोकना आदि में किसी विद्यार्थी को लिप्त पाए जाने पर कार्यवाई होगी  जिसमें उनपर 20,000 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

केटेगरी I और केटेगरी II के मामलों में दोषी पाए जाने वाले छात्रों के मामले विवि द्वारा गठित अनुशासन समिति के पास जाएंगे और संबंधित अधिकारी इसमें पक्ष-विपक्ष की बात सुनकर कार्यवाई करेंगे।

इसके अलावा लाइब्रेरी को साइलेंट जोन बनाया जाएगा। प्रॉक्टर प्रोफ़ेसर रामचंद्रा ने आदेश जारी करते हुए लाइब्रेरी को साइलेंट जोन घोषित किया है और बताया कि वहाँ किसी प्रकार की कोई फ्रेशर या फेयरवेल पार्टी करना, पोस्टर आदि लगाना, भीड़ इकठ्ठा करना आदि प्रतिबंधित है।

एक 10 सदस्यों की टीम का गठन किया गया है जो इन सब मामलों को संज्ञान में लगी।

10 सदस्यीय टीम में शामिल हैं

  • सीनियर मोस्ट डीन
  • प्रॉक्टर
  • इंचार्ज एससी एसटी सेल
  • महिला सेल की अध्यक्ष
  • डीएसडब्लू
  • संबंधित स्कूल के डीन
  • संबंधित विभाग के हेड
  • छात्र के सुपरवाइजर
  • छात्रावास के वार्डन
  • सुरक्षा प्रभारी

विवि के इस फरमान से बीबीएयू के विद्यार्थियों में रोष है उनका कहना है कि विवि इस तरह अपनी मनमानी करेगा क्योंकि उनके खिलाफ अब वे कुछ बोल नहीं सकेंगे।

इसके साथ ही कुछ शिक्षक इन सबका गलत फायदा भी उठा सकते हैं अब। छात्रों का कहना है कि विवि में समयनुसार सत्र खत्म नहीं होते हैं उसपर कोई कार्यवाई नहीं कि गयी है।

अब देखना यह है कि क्या विवि द्वारा लागू इस फरमान को इसी तरह जारी किया जायेग या कुछ बदलाव संभव हैं क्योंकि जिस टीम का गठन हुआ है उसमें विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं है।

 


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