कॉन्ग्रेस को मजबूत बनाने तथा जनता का विश्वास बहाली को लेकर वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में शुरू की गई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर कई तरह की जद्दोजहद चल रही है.
मसलन कुछ का कहना है कि राहुल गांधी अपने उद्देश्य से भटक गए हैं, तो कुछ का कहना है कि भाजपा का विरोध ही इस यात्रा का उद्देश्य है.
उत्साह, उमंग, देशभक्ति,
ये हैं भारत जोड़ो यात्रा के रंग।
किसके इंतज़ार में बैठे हो साथी,
आओ हो चलो यात्रा के संग। #BharatJodoYatra pic.twitter.com/U3GAt4QwNS— Bharat Jodo Nyay Yatra (@bharatjodo) November 17, 2022
ताजा मामला महाराष्ट्र में सावरकर के ऊपर राहुल गांधी की टिप्पणी से जुड़ा है. दरअसल भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत 7 सितंबर से की गई है जो डेढ़ सौ दिनों तक 12 राज्यों में गुजरते हुए 3500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
इसका मुख्य मकसद महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर लोगों को साथ लाना है. किंतु देखा जाए तो राहुल गांधी के बयान हिंदुत्व, सावरकर तथा भाजपा के इर्द-गिर्द ही घूमते नजर आ रहे हैं.
इसको देखकर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कहीं राहुल गांधी अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का मकसद तो नहीं भूल गए हैं.
कांग्रेस ने यात्रा के प्रारंभ के समय 12 सितंबर को अपने टि्वटर हैंडल से आरएसएस की खांकी निकर को जलता हुआ दिखाया था.
इसका कई एंगल से विश्लेषण किया गया था, तत्पश्चात केंद्र सरकार की नीतियों पर भी कांग्रेस द्वारा कई वार किए गए.