गोरखपुर: मिली जानकारी के अनुसार गुलरिहा थाना क्षेत्र के अंतर्गत भटहट कस्बे में लापरवाहीपूर्वक इलाज करने एवं अवैध रूप से अस्पताल संचालन का मामला प्रकाश में आया है.
अस्पताल की इस लापरवाही का ही नतीजा है कि गर्भवती महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी है. आज अस्पतालों के मकड़जाल में आए दिन बेचारा मरीज फंस कर अपनी जान गवाने के लिए मजबूर हो चुका है.
यह समझ से परे है कि स्वास्थ्य विभाग जांच आख्या और कागजों में क्या दर्ज करने में मशगूल रहता है फिलहाल मृतका के पति ने अस्पताल संचालक पर लापरवाही पूर्वक इलाज करने का आरोप लगाया है.
बता दें कि थाना क्षेत्र के जैनपुर टोला काजीपुर निवासी रामदवन मंगलवार की शाम अपनी पत्नी के पेट में दर्द होने पर इलाज के लिए भटहट-बांसस्थान रोड पर स्थित ‘सत्यम हास्पिटल’ ले गए.
वहां के चिकित्सकों ने चिन्ता की कोई बात नहीं है, बताते हुए भर्ती कर स्वयं चले गए. पति का आरोप है कि बुधवार की भोर में 4 बजे पत्नी की हालत
गंभीर होने पर संचालक रंजीत जबरजस्ती पत्नी को आपरेशन थिऐटर में ले गया और मुझे थक्का देकर बाहर निकाल दिया.
आधे घंटे बाद संचालक मेरी पत्नी को कार में लादकर मुझे भी जबरन बैठा कर कहा कि तबियत सीरियस है और खजांची के पास निजी नर्सिंग होम ले गया जहाँ के चिकित्सक ने मरीज को मृत घोषित कर दिया.
यह भी आरोप है कि डाक्टरों की अनुपस्थिति में संचालक रंजीत निषाद के गलत इलाज करने से उसकी पत्नी अस्पताल में ही मर चुकी थी, फिर भी संचालक रंजीत कार में लादकर कर उसे खजांची स्थित एक निजी हास्पिटल ले गया था.
याद दिलाते चलें कि इससे पहले भी अस्पताल संचालन पर लापरवाहीपूर्वक इलाज का आरोप लगाया जाता रहा है जिसकी भेंट चढ़ कई मरीजों ने अपनी जान गवाई है.
दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि चिकित्सा विभाग केवल जांच करता है तथा लोग अधिकारियों से मात्र जांच की ही उम्मीद रखते हैं, कार्यवाही की नहीं.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट के बाद पता चला कि मृतका गर्भवती थी. इस संबंध में गुलरिहा थाना प्रभारी मनोज कुमार पांडेय का कहना है कि तहरीर मिली है, जांच कर कार्यवाही की जायेगी.