देश में बढ़ती बेरोजगारी के विरोध में अनुपम ने निकाला ‘हल्ला बोल यात्रा’

कहते हैं किसी भी आंदोलन का नेतृत्व उसके अंजाम तक पहुंचाना हो तो उसे युवाओं के हाथ में सौंप देना चाहिए.

शायद इसी लिए देश में बेरोजगारी और बढ़ती आत्महत्या के विरुद्ध युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में बिहार के चंपारण से शुरू हुई ‘हल्ला बोल यात्रा’ दरभंगा पहुंच चुकी है.

सभी जिलों से होते हुए अनुपम 23 सितंबर को पटना पहुंचकर एक बड़े सम्मेलन का आयोजन करेंगे.

आपको बता दें कि बेरोजगारी से लड़ने के लिए हल्ला बोल यात्रा की शुरुआत 16 अगस्त को भितिहारवा स्थित गांधी आश्रम से सादगी भरे कार्यक्रम के दौरान की गई.

बेरोजगारी को राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाने में इस युवा नेता की अहम भूमिका रही है. अपनी यात्रा के दौरान अनुपम सिर्फ

समस्याओं को ही नहीं चिन्हित कर रहे हैं बल्कि उसका समाधान भी बता रहे हैं. बेरोजगारी संकट से निपटने के लिए इन्होंने ‘भारत रोजगार संहिता’ का प्रस्ताव दिया है जिसे संक्षेप में भ-रो-सा कहा जा रहा है.

कहीं ना कहीं अनुपम युवाओं की वास्तविक मांग को समझ गए हैं. यही वजह है कि उनकी हर एक बैठक में युवाओं और बुद्धिजीवियों की भागीदारी बढ़ती जा रही है.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अनुपम ने कहा कि- “बेरोजगारी आज जीवन मरण का सवाल बन चुकी है.

भविष्य को लेकर युवाओं में अनिश्चितता तथा अंधकार इस तरह हताशा पैदा कर दिया है कि उनकी आत्महत्या करने की खबरें अब आम बनती जा रही हैं.

यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बोझा ढोने और ठेला चलाने के लिए बिहार के लोगों को अपना घर, जिला, राज्य छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर दिल्ली, मुंबई जाना पड़ता है.

यदि बिहार के संसाधनों का ठीक ढंग से प्रयोग होता तथा यहां की बंद पड़ी चीनी और पेपर सहित जूट मिलों को पुनर्जीवित किया जाता तो यह पलायन देखने को नहीं मिलता.

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