BY- THE FIRE TEAM
बिहार बालिका गृह मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे पूर्व संयुक्त निदेशक एके शर्मा का एजेंसी के बाहर तबादला किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम प्रमुख एम नागेश्वर राव सहित दो अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है। पीठ ने दोनों सीबीआई अधिकारियों को 12 फरवरी को पेश होने को कहा है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगई ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा था, ”हम अवमानना को बहुत ही गंभीरता से लेने जा रहे है, आपने देश के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है। भगवान आपको बचाये। कभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ मत करना।”
बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई और साथ ही मामले को दिल्ली के साकेत स्थित पॉक्सो अदालत में स्थानांतरित कर दिया।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अनुमति के बिना एक सीबीआई अधिकारी का तबादला किए जाने पर सीबीआई और केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में किसी भी अधिकारी का ट्रांसफर ना करने का आदेश दिया था जिसका उलंघन किया गया है। कोर्ट ने कहा, ”यह इस तरह से नहीं चल सकता है, हम अपने आदेश को लेकर गंभीर हैं।”
17 जनवरी को शर्मा का ट्रांसफर बिना अदालत की मंजूरी लिए सीआरपीएफ में कर दिया गया था जिसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व आदेशों का उल्लंघन किए जाने को गंभीरता से लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का तबादला करके सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने प्रथम दृष्टया अदालत की अवमानना की है।”
यह मामला 31 मई 2018 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सामने आया था जो कि एक बालिका ग्रह से संबंधित है। इसमें बालिका ग्रह की कुछ बच्चियां गर्भवती मिली थी।