(ब्यूरो चीफ गोरखपुर, सईद आलम खान)
जिस तरीके से बी एल संतोष जी ने उत्तर प्रदेश में लगातार घट रही क्रमिक तौर पर घटनाएं चाहे वह अपराध की हों अथवा पुलिस व्यवस्था की समीक्षा करके जब से
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को सौंपा है तब से उत्तर प्रदेश में एक अलग तरीके क्या राजनीतिक माहौल बनता जा रहा है. ऐसी बहुत सारी अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या वास्तव में भाजपा और संघ के पास उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं है.
राजनीतिक गलियारे में इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश में बदलना और बनाए रखना दोनों ही स्थितियों में घाटे का सौदा दिख रहा है.
इस संबंध में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक ने बताया है कि-“ योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री स्वयं को वैसा ही बना लिया है जैसे प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी.
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— R. News World (@RNewsWorld2) June 4, 2021
धार्मिक कट्टरता जैसी कई बातों में तो वह उनसे 10 गुना आगे निकल चुके हैं. पार्टी में मंत्रियों और विधायकों की हैसियत ऐसी ही है जैसे केंद्र में मंत्रियों और सांसदों की, यहां भी नौकरशाहों के माध्यम से सरकार चल रही है.”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताते हैं कि विधायक तो अब विधानसभा में सिर्फ गिनती करने के लिए रह गया है अन्यथा उनकी हैसियत केवल गिनती करने की रह गई है.
विकल्प के तौर पर उत्तर प्रदेश में बीजेपी को योगी के अलावा और केंद्र में मोदी के अतिरिक्त अन्य विकल्प भी हैं किंतु अभी विचार नहीं हो पा रहा है.
आपको बता दें कि वर्ष 2017 में बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव नहीं लड़ा था और ना ही ऐसा कोई नेता था जिसे सामान्य रूप से चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जा रहा है.
योगी आदित्यनाथ तो ट्रंप कार्ड के रूप में अंतिम समय में आए जिन्हें देखकर सभी भौंचक्का रह गये. अपने प्रारंभिक कार्यकाल के दिनों से ही विरोधियों के द्वारा
आदित्यनाथ पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह योगी हैं किंतु बावजूद इसके वह जातिवादी सोच रखते हैं. बीते साढ़े चार वर्षों का कार्यकाल पुरा करने के बाद भी बतौर मुख्यमंत्री की छवि को वह पुख्ता नहीं कर सके हैं.
किंतु कट्टर हिंदुत्ववाद की जो उनकी छवि है उसे निखारा जरूर है, यही वजह है कि आरएसएस में भी एक वर्ग ऐसा है जो उनका समर्थन करता है.
प्रसिद्ध समाजशास्त्री बद्रीनारायण का कहना है कि वजह और स्थितियां चाहे जो भी हो यूपी में भाजपा के पास योगी के अलावा दूसरा विकल्प नजर नहीं आ रहा है.
भाजपा जिस आक्रामक शैली पर काम करती है उसमें सबसे ज्यादा प्रखर योगी आदित्यनाथ ही हैं फिर भी भाजपा के पास ऐसे चेहरे हैं जिन्हें उसने सामने नहीं ला रहा है, अतः कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.