सलवा हुसैन: एक ऐसी महिला जिनका दिल उनके शरीर में नहीं, बाहर रखे बैग में धड़कता है

ये अपने शरीर में बिना दिल की महिला हैं. यह दुनिया में एक दुर्लभ मामला है क्योंकि वह अपने कृत्रिम दिल को एक बैग में रखती है.

इस संबंध में ब्रिटिश अखबार “डेली मेल” ने बताया कि 39 साल की सलवा हुसैन एकमात्र ऐसी व्यक्ति हैं जो ब्रिटेन में इस तरह से रहती हैं.

वह शादीशुदा दो बच्चों की माँ हैं और जितना हो सके एक सामान्य जीवन जीने की कोशिश करती हैं, लेकिन एक चुनौती के साथ.

सलवा का दिल एक बैग में रखा गया है जिसे वह हमेशा अपनी गोद में रखती हैं. बैग हमेशा उसके पास एक डिवाइस के साथ होता है.  इसमें दो बैटरी होती है जिसका वजन 6.8 किलोग्राम होता है.

जो एक इलेक्ट्रिक मोटर और एक पंप होता है. बैटरी उसके शरीर में रक्त परिसंचरण के लिए अटैच्ड ट्यूब के माध्यम से मरीज के सीने में एक प्लास्टिक बैग में हवा को धकेलती है.

उनके पति अल को हमेशा अपनी पत्नी के साथ इस डर से रहना होता है कि अगर बैटरी अचानक काम करने में विफल हो जाती है तो उनके पास नई बैटरी के साथ बदलने के लिए केवल 90 सेकंड का समय होता है.

हमारी सभी व्यक्तिगत समस्याएं और चिंताएं इस महिला के सामने कुछ भी नहीं हैं. फिर भी वह खुश है, मुस्कुराती है और हम-आप जिंदगी की छोटी-छोटी बातें जैसे

बारिश, गर्मी, पक्षियों को चहकते पर, कम चीनी वाली चाय पर, अखबार देर से मिलने पर परेशान होते रहते हैं जबकि हमें अच्छा स्वास्थ्य, तंदुरुस्त शरीर के साथ जीवन मिला है.

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