BY- THE FIRE TEAM
सामाजिक कार्यकर्ता और स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने चुनाव जीतने के लिए किसानों को सिर्फ थोड़ी रिश्वत दी है। आज के आम चुनाव मुद्दों से भटके हुए हैं जिसे पटरी पर लाने के लिए देश के समाजसेवियों ने एक मुहिम छेड़ी है।
देश के विभिन्न समाजसेवियों ने मुहिम के तहत नारा उछाला है देश मेरा, वोट मेरा, मुद्दा मेरा।
जब योगेंद्र यादव से सवाल पूछा गया कि सरकार द्वारा दी गयी सालाना 6000 रुपये की राशि से किसानों का भला होगा क्या तो उन्होंने कहा, “इन्हें पांचवें बजट में किसानों की याद क्यों नहीं आई जब वो इन्हें इतने ही महत्वपूर्ण लगते थे? सच्चाई ये है कि किसान इनके चित में नहीं है और किसानों का दर्द इनके मन में नहीं है। इन्होंने केवल चुनाव जीतने के लिए किसानों को थोड़ी रिश्वत भर दी है। मुझे नहीं लगता कि किसानों पर इस रिश्वत से कोई असर पड़ने वाला है।”
सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मामले में जब योगेंद्र यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सरकार से आंकड़ा पूछ लीजिये, सरकार के किसी भी मंत्री से पूछ लीजिये कि 6 सालों में किसानों की आय दुगुनी करने वाले थे तो 3 सालों में कितना बढ़ा पाए। इससे सच्चाई पता चल जाएगी क्योंकि सरकार के पास कोई आंकड़ा नही है और किसानों की आय का एक भी पैसा नही बढ़ा है।
योगेंद्र यादव राजनीतिक विशेषज्ञ के तौर पर भी मशहूर हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों से सब कुछ छोड़कर वे किसानों के सवालों पर काम कर रहे हैं। पिछले एक महीने से ये सारे मुद्दे दब गए हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक की ओर इशारा करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि एक आंधी आई और सारी चीजें दब गई। और अब राष्ट्रीय सुरक्षा ही अहम मुद्दा बनके रह गया है। योगेंद्र यादव ने जोर देते हुए कहा, मेरे हिसाब से राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल इस चुनाव का मुख्य सवाल नहीं है।
पुलवामा हमले की पहले से जानकारी होने के बाद भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के असफल रहने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अजीत डोभाल ने जो किया और नहीं किया इसकी जांच होनी चाहिए। अगर बीजेपी एयर स्ट्राइक का अपने लिये या पार्टी के फायदे के लिए इस्तेमाल करेगी तो स्वाभाविक है कि विपक्ष तो सवाल पूछेगा ही।
उन्होंने कहा, “मेरी राय है कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर ये चुनाव नहीं लड़ा जाना चाहिए, चाहे ये बीजेपी के पक्ष में जाए या बीजेपी के विपक्ष में. मैं ये नहीं कहता कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो बीजेपी के विपक्ष में हो वो तो बोल दो, लेकिन जो बीजेपी के पक्ष में हो वो मत बोलो। मेरे ख़याल से राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल पर आम सहमति है। लेकिन ये वो सवाल नहीं हैं, जिनके ऊपर ये चुनाव होना चाहिए।”
योंगेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव बेरोजगारी, किसान, स्वस्थ और शिक्षा जैसे मुद्दों पर होने चाहिए। देश के आम लोगों की गरीबी पर चुनाव होने चाहिए।
जब उनसे पूछा गया कि केजरिवाल के दिल्ली के पूर्णराज्य के बारे में उनका क्या सोचना है तो उन्होंने कहा कि दिल्ली के पूर्णराज्य का मुद्दा बिल्कुल सही है। दिल्ली पूर्ण राज्य होना चाहिए, दिल्ली को पूरी स्वायत्तता मिलनी चाहिए। इसको एक सामान्य राज्य की तरह होना चाहिए। वहीं, अरविंद केजरीवाल की मुद्दे को लेकर गंभीरता पर बोलने से वो बचते दिखे।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के लिहाज़ से इस चुनाव में राफेल मुद्दा है। उन्होंने ये भी कहा कि महिला सुरक्षा का सवाल बहुत बड़ा है और इस मामले में हालत पहले से ज़्यादा ख़राब हुए हैं। यादव ने ये भी कहा कि आप इसे चुनावी मुद्दा तभी बना सकते हैं जब आप कोई विकल्प पेश कर पाएं। ऐसा करने में विपक्षी पार्टियां सफल नहीं हो पाई हैं।
योगेंद्र यादव के संचालन में आम चुनाव से पहले देश में मुद्दों को पटरी पर लाने से जुड़ा एक अभियान है- मेरा देश, मेरा वोट, मेरा मुद्दा। इस अभियान को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब से लांच किया गया। कार्यक्रम में कहा गया कि पहले बूथ कैप्चरिंग होती थी लेकिन अब मुद्दों को ही कैप्चर किया जाने लगा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि वो 23 मार्च को शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे और चुनाव के लिए उनके इस्तेमाल का विरोध करेंगे।
अभियान ले तहत जितने भी जनांदोलन है 23 तारीख को एकजुट होंगे और देशभर में इससे जुड़े कार्यक्रम होंगे जिसकी शुरुआत असम के तिनसुकिया से होगी और समापन महाराष्ट्र के नंदूरबार में होगा। देशभर में लगभग 1000 जगहों पर इस तरह का आयोजन किया जाएगा।
इस दौरान एक ही नारे का इस्तेमाल होगा- देश मेरा, वोट मेरा, मुद्दा मेरा। इसके सहारे ये अपील की जाएगी की चुनाव मुद्दों पर आधारित हो. सामाजिक कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि उस दिन से इस चुनाव की धारा जो है वो पलटनी शुरू हो जाएगी।