21वीं सदी में कुछ ऐसे अनुभव जो अब सिर्फ मिसाल बनकर रह जायेंगे…

(मालिक साहब की कलम से…) हम भाग्यशाली लोग हैं जो 1950 और 1999 के बीच पैदा हुए हैं, क्योंकि हम आखिरी लोग हैं जिसने मिट्टी के घरों में बैठकर परियों की कहानियां सुनीं. जिन्होंने लालटेन की रोशनी से कहानियाँ भी पढ़ीं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को एक पत्र में अपनी भावनाओं को भेजा, जो टाट पर … Read more

देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी ‘कॉन्ग्रेस’ का आज है 135वां स्थापना दिवस

(डॉ सईद आलम खान ब्यूरो चीफ, गोरखपुर) 28 दिसंबर, 1885 को भारत में भारतीयों की समस्याओं के समाधान के निराकरण के उद्देश्य से ब्रिटिश साम्राज्य के समक्ष देशवासियों की आवाज को ब्रिटिश हुकुमत के समक्ष रखने के लिए सबसे पहले स्थापित होने वाला मंच ‘कॉन्ग्रेस’ था. इसकी स्थापना अंग्रेज अधिकारी A. O. HUME जो थियोसॉफिकल … Read more

चौरी-चौरा: एक बहुजन बगावत, जिससे गांधी घबरा उठे थे

(लेखक फारवर्ड प्रेस हिंदी के संपादक हैं) चौरी-चौरा गरीबों और निम्नवर्णीय किसानों-मजदूरों का विद्रोह था, जिसके निशाने पर अंग्रेज बेशक थे, लेकिन ये विद्रोह गांधी और कांग्रेस की जमींदारपरस्त नीतियों के खिलाफ भी था. 4 फरवरी, 1922 की चौरी-चौरा की घटना न केवल भारतीय इतिहास, बल्कि विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है. चौरी-चौरा के डुमरी … Read more

25 दिसंबर-मनुस्मृति दहन दिवस पर बहुजन संगठनों ने मनुस्मृति के साथ मनुवादी-पूंजीवादी गुलामी थोपने के कानूनों-प्रावधानों-नीतियों का किया दहन

25 दिसंबर, 2020 मनुस्मृति दहन दिवस पर मनुस्मृति के साथ मनुविधान थोपने के एजेंडों जैसे तीनों कृषि कानून, चारों श्रम संहिता, नई शिक्षा नीति-2020, निजीकरण, कॉलेजियम सिस्टम, ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर प्रावधान, सवर्ण आरक्षण, सीएए, यूएपीए जैसे काले कानूनों का दहन करते हुए प्रतिकार किया गया. यूपी के मऊ में मनुस्मृति दहन दिवस कार्यक्रम … Read more

सड़क से सलाखों तक-मऊ में हुए ‘नागरिकता आंदोलन’ पर रिहाई मंच की रिपोर्ट

होर्डिंग, गैंगेस्टर, गुंडा एक्ट, जिलाबदर, रासुका से लड़ता-भिड़ता मऊ नागरिकता आंदोलन के एक साल: मऊ में हुए जोर-जुल्म़ पर रिहाई मंच की रिपोर्ट लखनऊ 16 दिसंबर, 2020. रिहाई मंच ने नागरिकता आंदोलन के एक वर्ष पूर्ण होने पर रिपोर्ट जारी करते हुए मऊ में रासुका के तहत कैद लोगों की रिहाई की मांग की. रिहाई … Read more

किसान बिल सरकार और कारपोरेट घरानों के गुपचुप समझौते का नतीजा है: विनय अहिरवार

                                       VINAY AHIRWAR की कलम से अगस्त 2020 मे साहेब के आका नम्बर वन मुकेश अंबानी किशोर बियानी की कम्पनी “फ्यूचर ग्रुप” की मुनाफे में चल रही सक्सेजफुल रीटेल चेन का अधिग्रहण 24,713 करोड़ रु में कर … Read more

देश में बढ़ती बेरोजगारी, लोगों के छीनते रोजगार तथा संविधान बचाओ रैली के लिए आखिर कौन जिम्मेदार?

एक बात नहीं समझ पा रहा हूं कि पहले की सरकार में 1962, 1965, 1972 की भीषण लड़ाई भी हुई, पोलियो, प्लेग, हैजा, टीबी जैसी महामारी भी हुई. जिनका मुफ्त में इलाज हुआ, मुफ्त में पूरा देश का टीकाकरण हुआ, खरबो का घोटाला भी हुआ, काला धन विदेशों में भेजा गया, भ्रष्टाचार खूब व्याप्त रहा. … Read more

हिंदुत्व, हिंदू राष्ट्र और डॉक्टर अंबेडकर: परिनिर्वाण दिवस पर विशेष लेख

देश के करोड़ों उपेक्षित तथा वंचित लोगों को संगठित करने तथा उन्हें भी व्यक्ति होने का एहसास कराने के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने समता, समानता और बंधुत्व के जिन मूल्यों को संविधान का हिस्सा बनाया उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है. किंतु बदलते समय के साथ डॉक्टर अंबेडकर को संघ के हिंदुत्ववादी … Read more

युगपुरुष, भारत रत्न संविधान निर्माता, परम पूज्य बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन: डॉक्टर सईद आलम खान

देश में करोड़ों गरीबों व उपेक्षित में भी खासकर दलित और अन्य पशुओं के जीवन में नई उम्मीद संभावनाएं और आत्मसम्मान की अलख जगाने वाले बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कि आज महापरिनिर्वाण जयंती है. भीमराव अंबेडकर जी का जन्म पिता रामजी मलोजी सकपाल तथा माता भीमाबाई के घर महू नामक स्थान पर 1891 में … Read more

नए कृषि कानूनों का किसान क्यों कर रहे हैं विरोध? (भाग 2)

बि‍हार है उदाहरण… सरकार कह रही है कि निजी क्षेत्र के आने से किसानों को लंबे समय में फायदा होगा. यह दीर्घकालिक नीति है. लेकिन, बिहार में सरकारी मंडी व्यवस्था तो 2006 में ही खत्म हो गई थी. 14 वर्ष बीत गए, यह लंबा समय ही है. अब जवाब है कि वहां कितना निवेश आया? … Read more

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