नए कृषि कानूनों का किसान क्यों कर रहे हैं विरोध? (भाग 1)

सरकार कह रही है कि हम मंडियों में सुधार के लिए यह कानून लेकर आ रहे हैं लेकिन, सच तो यह है कि कानून में कहीं भी मंडियों की समस्याओं के सुधार का जिक्र तक नहीं है. हर बदलाव को सुधार नहीं कहा जा सकता है कुछ विनाश का कारण भी बन सकते है. देश … Read more

संघ के आंगन में नाच रहा है सुप्रीम कोर्ट: वरिष्ठ पत्रकार करन थापर

वरिष्ठ पत्रकार करन थापर और इतिहासकार राम चन्द्र गुहा की सुप्रीम कोर्ट पर की गई बेहद सटीक टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में कुछ महीनों पहले सीनियर वकील प्रशांत भूषण को दोषी ठहराया गया था न्याय- पालिका के प्रति कथित रूप से दो अपमानजनक ट्वीट करने को लेकर अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ स्वत: … Read more

गीदड़ की सौ बरस की ज़िन्दगी से बेहतर है शेर की एक दिन की ज़िन्दगी: टीपू सुल्तान

टीपू सुल्तान आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन इतिहास में उन की धमक आज भी है और कुछ नेता उन पर गन्दी राजनीत करते हैं ये देश हित में दुर्भाग्य की बात हैे. खैर, ” गीदड़ की सौ बरस की ज़िन्दगी से शेर की एक दिन की ज़िन्दगी बेहतर है” इस वाक्य को सिर्फ ज़ुबान … Read more

भाजपा के विरुद्ध धर्म-निरपेक्षता की राज-नीति से नहीं लड़ा जा सकता: कँवल भारती (भाग-2)

भाजपा ने अपनी राजनीति को नया तेवर या नई धार पिछली सदी के अंतिम दशक में दी, जब उसने 1990 में सामाजिक न्याय की राजनीति के विरोध में राम-मंदिर की राजनीति आरम्भ की. विडम्बना देखिए कि भाजपा के इस राजनीतिक आन्दोलन में आरएसएस ने पिछड़ी जातियों के ही नेताओं और नौजवानों को झोंका जिनके आर्थिक … Read more

भाजपा के विरुद्ध धर्म-निरपेक्षता की राज-नीति से नहीं लड़ा जा सकता: कँवल भारती (भाग-1)

जिस तरह उत्तरप्रदेश में भाजपा ने मायावती को मुख्यमंत्री बनाकर अपना जनाधार बढ़ाया, उसी तरह उसने बिहार में नितीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाकर अपनी ताकत बढ़ाई. मायावती और नितीश दोनों सामाजिक परिवर्तन और धर्मनिरपेक्ष राजनीति के चेहरे थे, पर भाजपा ने दोनों को ही हिंदुत्व का चेहरा बना दिया. सिर्फ चेहरा ही नहीं बनाया बल्कि … Read more

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उदा देवी की शहादत पर विनम्र श्रद्धांजलि एवं कोटि-कोटि बार नमन

16 नवम्बर के इस शहादत दिवस के अवसर पर विनम्र श्रद्धांजलि ऊदा देवी, एक भारतीय स्वतन्त्रता सेनानी थीं जिन्होने 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय सिपाहियों की ओर से युद्ध में भाग लिया था. यह अवध के छठे नवाब वाजिद अली शाह के महिला दस्ते की सदस्य थीं, इस विद्रोह के समय … Read more

पैगंबर मोहम्मद पर लिखी कोई किताब मत पढ़िए… बस दो मिनट का वक़्त दीजिए

“मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो! इंसानों तुम्हारा रब एक है. अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रखना.” लोगों की जान-माल और इज्जत का ख्याल रखना, न तुम लोगों पर ज़ुल्म करो, न क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जाएगा. कोई अमानत रखे तो उसमें खयानत न करना, … Read more

जहांगीर: अकबर का वारिस, नूरजहां का शौहर और शाहजहां का बाप होना ही जिसकी काबिलियत थी

सल्तनत ए हिंदुस्तान में अकबर की मृत्यु के बाद 24 अक्टूबर 1605 को आगरा दरबार में सलीम के नाम की नौबत बज उठी. जहांगीर का अर्थ है; दुनिया को जीतने वाला. किंतु सलीम यानी जहांगीर के खाते में ऐसी कोई लड़ाई या कोई वाक्या नहीं मिलता है जो उसके नाम की गवाही देता हो. ताज्जुब … Read more

भारत में आज ‘न्याय’ शब्द अपना अर्थ अब खोता जा रहा है: रामचंद्र गुहा

वर्ष 2000 में चर्चित अर्थशास्त्री टी एन श्रीनिवासन ने अपने लेक्चर के दौरान कहा था कि भारत में अगर कोई गरीब है तो इसकी अधिक संभावना है कि वह किसी ग्रामीण क्षेत्र में रह रहा होगा, अनुसूचित जाति, जनजाति अथवा सामाजिक रुप से पिछड़े वर्ग से संबंध रखता होगा. कुपोषित बीमार या फिर कमजोर स्वास्थ्य … Read more

मान्यवर कांशी राम साहेब: 9 अक्टूबर महापरिनिर्वाण दिवस पर नम आंखों से सच्ची आदरांजलि

मान्यवर कांशी राम साहेब का जन्म 15 मार्च, 1934 को ख़्वासपुर, रोपड़, पंजाब में एक रैदासी सिख परिवार में हुआ था. 1958 में स्नातक (बीएससी) होने के बाद कांशी राम साहेब पूना में रक्षा उत्पादन विभाग में सहायक वैज्ञानिक के पद पर नियुक्त हुए. डीआरडीओ, पूना में नॉकरी के दौरान वाल्मीकि जाति का जुनूनी अम्बेडकरवादी … Read more

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