हफ़्ता वसूली ना कहो उसको! व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा

कोई पब्लिक को बताएगा कि ये हो क्या रहा है? जो हो रहा है, उसमें कोई तुक भी है, कोई लॉजिक भी है? सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड को जरा-सा गैर-कानूनी क्या बता दिया और अपने फरमान के बाद भी बांड की जानकारी देने से बचने की कोशिश करने के लिए स्टेट बैंक को जरा-सा … Read more

गारंटी पूरी होने की गारंटी (व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा)

Chhatisgarh: विरोधियों की यह बात तो ठीक नहीं है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरते–गिरते और डबल इंजन की सरकार बनते–बनते क्या रह गई‚ कहने लगे कि मोदी की गारंटी फेल है. मोदी की गारंटी थी कि पब्लिक किसी को भी चुने‚ सरकार भगवाई ही बनाएंगे पर भगवाई सरकार नहीं बनी, बनते–बनते रह गई. … Read more

डंका बजते-बजते फटने की गारंटी व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा

भई कोई कुछ भी कहे, दुनिया में डंका तो बज रहा है और कैसे नहीं बजता? जब मोदी जी बजवा रहे हैं तो डंका तो बजना ही था. आखिर, मोदी की गारंटी है, डंका बजने की और मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी. फिर किस की मजाल है जो डंका बजाने से … Read more

जाति न पूछो पीएम की…! व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा

ये तो विरोधियों की हद्द ही है-बताइए, एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों के पीएम की जाति पूछ रहे हैं. दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता की जाति पूछ रहे हैं. भारत को विश्व गुरु से लेकर ‘मदर ऑफ डैमोक्रेसी’ तक, और भी न जाने क्या-क्या बनाने वाले की, जाति पूछ रहे हैं. हमारे बड़े-बुजुर्ग तो पहले … Read more

महान क्रान्तिकारी संत रैदास की जयन्ती पर शत-शत नमन

चेतना हमेशा पदार्थ से निकलती है. पदार्थ से अलग चेतना का कोई वजूद नहीं हो सकता. रैदास के जो क्रान्तिकारी विचार हैं वे विचार उस वक्त की भौतिक परिस्थितियों में ही पैदा हो सकते थे. हम उस वक्त की भौतिक परिस्थितियों से जोड़कर ही रैदास के क्रान्तिकारी विचारों को सही अर्थों में जान सकते हैं. … Read more

पुरस्कार नमक या नमक पुरस्कार! व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा

थैंक यू मोदी जी. भारत रत्न की लाइन में आडवाणी जी का भी नंबर आखिरकार आपने लगवा ही दिया वर्ना लोगों ने तो कहना भी शुरू कर दिया था कि आडवाणी जी का नंबर अब नहीं आएगा. जब पीएम इन वेटिंग की लाइन में लगे-लगे ही रिटायर्ड हो गए, पर पीएम बनने का नंबर नहीं … Read more

एक गो भक्त से भेंट… और फिर हुई खास चर्चा: हरिशंकर परसाईं (PART-1)

एक शाम रेलवे स्टेशन पर एक स्वामी जी के दर्शन हो गए जो ऊंचे, गोरे और तगड़े साधु थे. चेहरा लाल, गेरुए रेशमी कपड़े पहने थे. पांवों में खड़ाऊं, हाथ में सुनहरी मूठ की छड़ी. साथ एक छोटे साइज़ का किशोर संन्यासी था. उसके हाथ में ट्रांजिस्टर था और वह गुरु को रफ़ी के गाने … Read more

राम के बहाने हिंदुत्व की राज-प्रतिष्ठा…(part-1)

(आलेख: बादल सरोज) सारे अनुमानों, सम्भावनाओं और कुछ धर्मप्राण जनों की उम्मीदों पर लोटा भर ठण्डा पानी डालते हुए अंततः 22 जनवरी के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की जजमानी का भार खुद मोदी जी ने ही धारण करते हुए इस आयोजन को सचमुच में उस गत; चुनावी राजनीति की दुर्गत-में पहुंचा ही दिया, जिसके लिए देश की … Read more

आजीवन सामाजिक उत्थान के संघर्षकर्ता जननायक कर्पूरी को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा

{BY-SAEED ALAM KHAN} व्यक्ति अपने कर्मों से ही समाज का पूजनीय बनता है, यह बात अक्षरस: जननायक कर्पूरी ठाकुर पर सत्य बैठती है. 24 जनवरी, 1924 को कर्पूरी ठाकुर का जन्म पितौनझिया गांव जो अब कर्पूरी गांव के नाम से जाना जाता है, जिला समस्तीपुर बिहार में हुआ था. कर्पूरी बाबू के 100वीं जन्म जयंती … Read more

लो जी, आपने यजमान भी न बनने दिया! व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा

बेचारे भक्तों को कम से कम अब इस तरह के सवालों से छुट्टी मिल जानी चाहिए कि बेचारे सीता और राम को अलग क्यों कर दिया? न सियाराम रहने दिया, न सीताराम- जै-जै राम, सीताराम भी नहीं, राम अकेले-अकेले. न सीता साथ में, न लक्ष्मण और तो और हनुमान भी साथ में नहीं. हां, धनुष … Read more

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