बेरोजगारी, गरीबी, असमानता, महंगाई’ अपराध है जो मंत्रियों/सांसदों/विधायकों की सत्ता भूख से निकली है: डॉ संपूर्णानंद मल्ल

बकिंघम पैलेस ‘लंदन’ के बाद दुनिया का सबसे महंगा घर एंटीलिया “मुंबई (लगभग 15 हज़ार करोड़) में मुकेश अंबानी का है और विश्व में सर्वाधिक सौ करोड़ गरीब एवं 23 करोड़ कुपोषित भारत में हैं. 12 लाख करोड़ संपत्ति के साथ विश्व का सबसे धनी अडानी भारत मे है. 3 से 5% लोग जहाज और … Read more

आइए जानते हैं देश में कैसे खत्म होगी गरीबी, महंगाई, असमानता?: डॉ संपूर्णानंद मल्ल

समाजसेवी, पर्यावरणविद, हिन्दू मुस्लिम एकता के अग्रदूत, लेखक तथा ‘पूर्वांचल गांधी’ कहे जाने वाले  डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने देश में व्याप्त गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, असमानता जैसी विकराल समस्याओं के समाधान के लिए अपने सूझाव रखें हैं. यदि सरकार इन पहलुओं पर विचार करके कदम उठाती है तो निश्चित तौर पर सफलता मिल सकती है. इसको … Read more

स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ के मौके पर जमकर गरजे ‘पूर्वाञ्चल गांधी’ डॉ मल्ल

अपनी बेबाक बयानी तथा जन सरोकार से जुड़े मुद्दों पर तर्कों के साथ अपनी बात कहने वाले समाजसेवी, पर्यावरणविद तथा पूर्वांचल के गांधी कहे जाने वाले डॉ संपूर्णानंद मल्ल स्वतंत्र दिवस की 76वीं वर्षगांठ के मौके पर जमकर बरसे हैं. इन्होंने राष्ट्रपति महोदय द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कई सवाल खड़े किए हैं. इनका कहना … Read more

जिगर में बड़ी आग है! व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा

बताइए, ये विपक्ष वालों की सरासर ज्यादती, बल्कि अत्याचार, नहीं तो और क्या है! बेचारे मोदी जी को मौनव्रत तोड़ने और मणिपुर पर मुंह खोलने के लिए मजबूर कर दिया और मुंह भी यहां-वहां नहीं, संसद में खोलने के लिए, कि सारी दुनिया देख ले कि विपक्ष वालों ने आखिरकार बंदे का मौनव्रत भंग करा … Read more

जब देश गरीब था तब सब कुछ सस्ता था परंतु आज नरेंद्र मोदी के काल में देश अमीर हुआ है फिरभी असहनीय महंगाई: पूर्वाञ्चल गांधी

15 अगस्त तक महंगाई नहीं मरी तो संसद नहीं चलने दूंगा: पूर्वाञ्चल गांधी  पर्यावरणविद, समाजसेवी, किसान पुत्र किसान, 50 यूनिट स्वैच्छिक रक्तदाता तथा पूर्वांचल के गांधी कहे जाने वाले डॉक्टर संपूर्णानंद मल्ल ने महंगाई पर प्रहार करते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लेकर चेतावनी दिया है कि “यदि 15 अगस्त तक महंगाई रूपी क्राइम … Read more

तुम मुझे तीसरी टर्म दो, मैं तुम्हें एक और आज़ादी दूंगा! व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा

पारदर्शिता हो तो ऐसी, आम चुनाव का सीजन अभी आठ-नौ महीना दूर है, पर मोदी जी ने अभी से अपना ऑफर दे दिया है. तुम मुझे तीसरी टर्म दो, मैं तुम्हें सब कुछ दूंगा. रोजगार-वोजगार जैसी छोटी चीजें क्या मांगते हो, मैं तुम्हें दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था दूंगा; मैं तुम्हें विश्व गुरु की … Read more

अब इंडिया‚ भारत छोड़ो ! व्यंग्य: राजेन्द्र शर्मा

भाई एक बात तो माननी पड़ेगी कि नरेश बंसल जी ने विपक्ष वालों की इंडिया पर दावेदारी के झगड़े का कतई तोड़ कर दिया है. न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी–पट्ठे ने सीधे संविधान से इंडिया को निकाल बाहर करने की ही मांग कर दी है. इस बार के क्विट इंडिया दिवस पर‚ सचमुच का … Read more

सुप्रीम कोर्ट न होता तो व्यवस्थापिका, ‘कार्यपालिका’ के सदस्य भारत को लूट, बलात्कार, हिंसा में बदल दिए होते

पूर्वांचल गांधी, जन समस्याओं पर बेबाक राय रखने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने तथा भारत देश को शांतिमय देश तथा स्वर्ग बनाने के लिए अपनी राय रखी है. इन्होंने देश में वर्तमान समस्याओं को सुलझाने के लिए बताया है कि ‘लोकतंत्र’, गणतंत्र” शीशे की तरह … Read more

अफ्रीका: बहुमूल्य खनिजों, प्राकृतिक संसाधनों की अमीरी वाला महाद्वीप जिसे गरीब बना दिया गया: संध्या शैली

अफ्रीका महाद्वीप को दुनिया अक्सर भूखे, जंगली, बर्बर और हिंसक आदिवासियों और जंगली जानवरों का महाद्वीप समझती है. दरअसल ये समझदारी उस मानसिकता से आती है जो चमकते बाज़ारों, तकनीकी चमत्कारों और नौकरी का खूब बडा पैकेज देने वाले अमरीका, आस्ट्रेलिया और पश्चिमी यूरोप की चकाचौंध के प्रभाव से विकसित होती है. वैसे ये मानसिकता … Read more

मणिपुर vs 2002 का गुजरात: जिन्हें नाज़ है हिंद पर, वो कहां है? आलेख: जवारीमल्ल पारख

दो कुकी आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर सार्वजनिक रूप से अपमानित करने और उसके बाद युवा स्त्री को सामूहिक बलात्कार का शिकार बनाने का वीडियो सामने आने के बाद भी अगर लोग यह समझने के लिए तैयार नहीं हैं कि नरेंद्र मोदी-एन बीरेन सिंह की डबल इंजन की सरकारों ने अपनी सांप्रदायिक योजना के तहत … Read more

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