क्या चौकीदार जी ने अम्बानी के लिए चौकीदारी की है ?

BY-रवीश कुमार उपरोक्त संदर्भ में चौकीदार कौन है, नाम लेने की ज़रूरत नहीं है. वर्ना छापे पड़ जाएंगे और ट्विटर पर ट्रोलर कहने लगेंगे कि कानून में विश्वास है तो केस जीत कर दिखाइये. जैसे भारत में फर्ज़ी केस ही नहीं बनता है और इंसाफ़ झट से मिल जाता है. आप लोग भी सावधान हो … Read more

लोकतंत्र के एनकाउंटर का संविधान —————

BY-PUNYA PRASUN BAJPAI नाम-गुरमित , उम्र – 25 बरस , केस – 7, एनकाउंटर की तारीख-31 मार्च 2017, एनकाउंटर की जगह-बलिया । नाम -नौशाद उर्फ डैनी , उम्र 30 बरस , केस -19 , एनकाउंटर की तारीख-29 जुलाई 2017, जगह-शामली । नाम -सरवर , उम्र -28 बरस , केस -8,एनकाउंटर की तारीख-29 जुलाई 2017 , … Read more

अपराध नियंत्रण और मानवाधिकार के मायने!

BY-PRATHAM KUMAR NIGAM किसी व्यवस्था को सुचारू एवं सतत रूप से संचालित करने के लिए एक सामाजिक समझौते का वहां की जनता एवं सत्ता के बीच होना अनिवार्य है। ये वो स्तम्भ है जिससे उस राष्ट्र एवं नागरिको के चहुमुखी विकास के पथ को प्रगति प्रदान होती है।  जिस प्रकार वर्तमान समय में लोगों के … Read more

राजनीतिक सत्ता से बड़ी ना कोई विचारधारा ना ही कोई बिजनेस

BY-PUNYA PRASUN BAJPAI क्या राजनीतिक सत्ता का खेल अब इस चरम पर पहुंच गया है, जहां देश में हर विचार सत्ता के लिये है। और सत्ता का मतलब है सबसे ज्यादा मुनाफा। कारपोरेट हो या मीडिया। अदालत हो या औद्योगिक घराने। धंधा खनन का हो या इन्फ्रास्ट्रक्चर का। सभी को चलना सत्ता के इशारे पर … Read more

‘ना गुजरात दंगों में बीजेपी थी ना सिख दंगों में कांग्रेस रही”

BY- Punya Prasun Bajpai बात 28 फरवरी 2002 की है । बजट का दिन था । हर रिपोर्टर बजट के मद्देनजर बरों को कवर करने दफ्तर से निकल चुका था। मेरे पास कोई काम नहीं था तो मैं झंडेवालान में वीडियोकान टॉवर के अपने दफ्तर आजतक से टहलते हुये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेडक्वार्टर पहुंच गया, … Read more

वर्तमान में मंडल आयोग की प्रासंगिकता

BY- Saeed Alam जनता पार्टी की सरकार ने 1979 में बी पी मंडल की अध्यक्षता में मंडल आयोग का गठन किया,  जिसका मुख्य कार्य सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ों की पहचान करना था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में मुसलमानों सहित विभिन्न पंथों जिनमें 3743 जातियां शामिल थीं को सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक मापदंडों के … Read more

राजनीति में बौद्धिक ह्रास का बड़ा कारण विचारधाराओं के प्रति अज्ञानता है —जयपाल रेड्डी

  वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी का यह बयान वाकई ध्यान खींचता है क्योंकि आज देश में जिस  कदर से राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है उसको देख कर ऐसा लगता है  कि  दुनिया में भारत की पहचान विश्व गुरु के रुप रही किन्तु  आज का भारत कई तरह  की आंतरिक समस्याओं  … Read more

‘हिन्दू अदालत’ की मुख्य न्यायाधीश के महात्मा गांधी विवादित बयान पर दर्पण कटाक्ष।

BY-Shobhit Awasthi शरीयत कोर्ट से प्रेरणा लेकर अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने हिन्दू न्यायालय का गठन किया है। जिसकी नवीन मुख्य न्यायाधीश श्रीमती डॉ शकुन पांडे जी हैं। जिन्होंने अपने पहले साक्षात्कार में – “ गोडसे की जगह मैं गाँधी को गोली मार देती” जैसा बयान देकर हम सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर … Read more

केरल बाढ़ पर पाखंड क्यों?

By-Salman Ali आजकल सोशल मीडिया पर केरल बाढ़ को लेकर एक अलग नजारा देखने को मिल रहा है। प्रत्येक घटना की तरह केरल की इस भीषण बाढ़ में जिसने ना जाने कितने लोगों की जान छीन ली है के बावजूद भी दो गुट बन गए हैं। एक गुट केरल की इस बाढ़ में वहां के … Read more

कुंठित समाज में स्त्री की दशा!

By-श्वेता चौधरी डॉ अम्बेडकर के अनुसार किसी भी देश की आर्थिक व सामाजिक स्थिति को जानना हो तो वहां की महिलाओं की स्थिति से पता लगाया जा सकता है, कि किसी भी देश का कितना  विकास हुआ है। क्योंकि महिलाओं के विकास के  बिना किसी भी देश का आर्थिक व सामाजिक विकास नहीं हो सकता … Read more

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