अब एक देश एक नाम, दूसरे का क्‍या काम! व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा

ये लो कर लो बात… अब विपक्ष वालों को ‘नमो भारत’ नाम पर भी आब्जेक्शन है. मोदी जी देश में परिवहन क्रांति ला रहे हैं-इन्होंने वह नहीं देखा. मोदी जी दिल्ली से मेरठ करीब एक घंटे में पहुंचाने का जुगाड़ जमा रहे हैं, इन्होंने वह भी नहीं देखा. बुलेट ट्रेन से भी पहले मोदी जी … Read more

जन संगठनों का साझा मंच भाजपा को हराने के लिए चलाएगा अभियान

रायपुर: छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा और जन संघर्ष मोर्चा से जुड़े विभिन्न जन संगठनों का साझा मंच विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने पूरे प्रदेश में अभियान चलाएगा. इन संगठनों ने आरएसएस-भाजपा द्वारा प्रदेश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के प्रयासों की कड़ी निंदा की है तथा कहा है कि स्वाधीनता संग्राम … Read more

जलेसं का तीसरा राज्य सम्मेलन संपन्न: लोकतंत्र की रक्षा के लिए संस्कृतिकर्मियों से एकजुट होने का आह्वान

रायपुर: आम जनता के अधिकारों पर बढ़ते फासीवादी हमलों के दौर में लोकतंत्र, संविधान और आजादी के संघर्ष में विकसित भाईचारे, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्यों की रक्षा के लिए संस्कृतिकर्मियों से एकजुट होने के आह्वान के साथ जनवादी लेखक संघ का तीसरा राज्य सम्मेलन 15 अक्टूबर को बिलासपुर में संपन्न हुआ. सम्मेलन में … Read more

सत्य शोधक समाज की शिक्षाएं पिछड़े समाज के लिए कैसी भूमिका निभा रही हैं?

ज्योतिबा राव फुले ने समाज परिवर्तन के आंदोलन को संगठित रूप से आगे बढ़ाने के लिए 24 सितंबर, 1873 को ‘सत्य शोधक समाज’ की नींव रखी. उन दिनों समाज सुधार का दावा करने वाले कई संगठन काम कर रहे थे. उनमें ‘ब्रह्म समाज’ (राजा राममोहन राय), ‘प्रार्थना समाज’ (केशवचंद सेन), पुणे सार्वजनिक सभा (महादेव गोविंद … Read more

मुंह में जाति शोषितों का सम्मान, बगल में मनु की दुकान: भागवत की नई भागवत

(बादल सरोज) आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने ताजा बयान से एक नयी भागवत कथा की शुरुआत कर दी है. हाल ही में एक आयोजन में उन्होंने कहा कि “हमने साथी मनुष्यों को सामाजिक व्यवस्था के तहत पीछे रखा, उनकी जिंदगी जानवरों जैसी हो गई, फिर भी उनकी परवाह नहीं किया. ये सब 2000 साल … Read more

महिला खेतिहर मज़दूरों की उपेक्षित दुर्दशा आलेख: विक्रम सिंह (Part 1)

कई लोग ऐसा मानते है कि कृषि के अविष्कार से महिलाएं करीब से जुड़ी रही हैं. कई सामाजिक वैज्ञानिक तो यहां तक मानते है कि महिलओं ने ही कृषि की खोज की होगी. लेकिन बाद के दौर में कृषि को केवल पुरुषों के पेशे के तौर पर पेश किया गया हालांकि खेतों में महिलाएं पुरुषों … Read more

सोने की थाली और भारतीय संस्कृति (आलेख: बादल सरोज )

सरकारी सूत्रों का दावा: “भारतीय संस्कृति के अनुरूप G-20 के मेहमानों को राष्ट्रपति भवन में सोने और चांदी के बर्तनों में रात्रिभोज कराया गया” 🔵 कौतुक हुआ कि जिस देश का प्रधानमंत्री दावा करता है कि 80 करोड़ भारतीय उसके द्वारा दिए जाने वाले 5 किलो अनाज पर ज़िंदा हैं, उस देश में सोने-चांदी के … Read more

सही कहा है‚ मोदी जी के घर देर है‚ अंधेर नहीं है- व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा

थैंक यू मोदी जी‚ औचक का महात्म्य स्थापित करने के लिए. सत्तर साल के बाकी सब उपेक्षितों की महत्ता स्थापित करने के बाद ही सही, सावरकर से लेकर गोलवलकर तक की महत्ता स्थापित करने के बाद ही सही‚ आखिर औचक का भी नंबर आ ही गया. सही कहा है‚ मोदी जी के घर देर है‚ … Read more

कोटा: ये आत्महत्याएं नहीं, हत्या हैं! कौन है इन युवाओं के खून का जिम्मेदार?: राजेन्द्र शर्मा

कोटा में कोचिंग कर रहे दो छात्रों ने इसी रविवार को आत्महत्या कर ली. एलन कोचिंग के छात्र, महाराष्ट्र के आविष्कार संभागी ने एक टैस्ट के बाद, अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट की ही छत से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी. वह कोटा में अपने नाना-नानी के साथ रहकर, कोचिंग कर रहा था. उसी रोज, बिहार … Read more

सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के बैनर तले बहुजन संसद का हुआ आयोजन

समेली (कटिहार): सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के बैनर तले मनुवादी-सांप्रदायिक-कॉरपोरेट फासीवादी हमले के खिलाफ सम्मान, हिस्सेदारी व बराबरी के लिए आज समेली विवाह भवन (समेली प्रखंड,कटिहार) में बहुजन संसद का आयोजन किया गया. यहाँ सबसे पहले अंगिका के चर्चित कवि भगवान प्रलय के अंगिका कविता संग्रह ‘आस’ का लोकार्पण हुआ. उनकी पुत्री असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नित्य … Read more

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