छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की दो दिवसीय बैठक कांकेर में संपन्न

फर्जी मुठभेड़, हत्या, गिरफ्तारी और दमन के खिलाफ प्रदर्शन कर नई राज्य सरकार के समक्ष मुद्दे उठाएगा सीबीए रायपुर: कांकेर में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की दो दिवसीय बैठक संपन्न हुई जिसमें छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के घटक दलों के साथ ही बस्तर में आदिवासियों के मुद्दों पर आंदोलन कर रहे विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधि भी … Read more

संविधान दिवस और संविधान को बचाने की कवायद?

{सईद आलम खान की कलम से}  अंग्रेजी शासन से लंबी लड़ाई के बाद अंततः जब 1947 में हमें आजादी मिली तो हमारे समक्ष यह सबसे बड़ी समस्या थी कि हम किस शासन प्रणाली को आधार बना कर भारत का नेतृत्व प्रारंभ करें.? क्योंकि प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक हमने राजतंत्र से लेकर सैन्य तंत्र … Read more

वीरगति पाने से पहले भगतसिंह द्वारा अपने साथियों को लिखा गया अन्तिम पत्र

साथियों, स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता. लेकिन एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ कि मैं कैद होकर या पाबन्द होकर जीना नहीं चाहता. मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा … Read more

लक्ष्मी जी वर दो, बेघर पीएम को घर दो! व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा (PART-2)

पर अगर कोई भूख-गरीबी वगैरह है ही नहीं, तो फिर आप जो साल में सिर्फ एक रात को छोटी-छोटी धन वर्षा करती फिरती हो, उसका फायदा ही क्या है? भूखे गरीब तो हैं ही नहीं कि, थोड़ा-बहुत जो कुछ भी हाथ लग जाए, उनका कुछ न कुछ तो भला ही होगा, कुछ नहीं से तो … Read more

लक्ष्मी जी वर दो, बेघर पीएम को घर दो! व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा (PART-1)

लक्ष्मी जी बेचैन थीं, साल का अकेला दिन था ऑफीशियली पूजे जाने का. वैसे दूसरे देवी-देवता तो जब देखो, तब इसके ताने मारते थे कि अब तो साल के सारे दिन उन्हीं की पूजा के हैं. पर ऑफीशियली तो एक ही दिन था उनके पुजने-पुजाने का, उस इकलौते दिन भी सुबह से दांयी आंख फडक़ … Read more

मैं एक बेघर बेचारा! व्यंग्य: राजेन्द्र शर्मा

कहते हैं‚ आज की दुनिया में सब अपना–अपना स्वार्थ देखते हैं. अमीर तो अमीर‚ गरीब भी. बताइए‚ मोदी जी को खुद अपने मुंह से यह कहना पड़ा कि वह तो गरीबों को खोज–खोज कर उनके लिए घर बनवा रहे हैं, पक्के घर बनवा रहे हैं. हजार–दो हजार नहीं‚ लाख–दस लाख नहीं‚ पूरे चार करोड़ घर … Read more

जाति गणना: संघ-भाजपा की दुरंगी नीति (आलेख: राजेंद्र शर्मा)

जाति गणना के मुद्दे पर, जो उत्तरी भारत में खासतौर पर तेजी से जोर पकड़ रहा है, भाजपा की दशा सांप-छंछूदर वाली हो गयी है. उससे न उगलते बन रहा है और न निगलते. छत्तीसगढ़, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में चुनाव के मौजूदा चक्र में, भाजपा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस से है, जो जाति गणना … Read more

युद्ध और शांति दोनों की चाह एक साथ—विश्व गुरु हो तो ऐसा! (व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा)

भई इसे कहते हैं विश्व गुरु वाला दांव. एक साथ दो नावों पर सवारी- बेशक, मुश्किल काम है बल्कि लोग तो जोखिम का काम भी कहते हैं. दो नावों की सवारी करना आसान नहीं, पर आसान काम तो कोई भी कर लेगा. विश्व गुरु वाले काम में कम से कम मुश्किल तो होनी ही चाहिए. … Read more

70 वर्षो का इतिहास समेटता हफुआ चतुर्भुज का डोल मेला आज के माहौल में कहाँ पहुँचा है?

तरयासुजान, कुशीनगर: ऐतिहासिकता को जीवंत रखने के प्रयास में एक बार फिर से सेवरहीं विकास खण्ड के हफुआ चतुर्भुज में कार्तिक पूर्णिमा को करीब 70 सालों से अनवरत चले आ रहे डोल मेला का आयोजन भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू किया गया. ऐतिहासिकता की बात करें तो तकरीबन 65-70 साल पूर्व जरूरी चीजों की … Read more

63 दिनों तक आमरण अनशन करने वाले महान क्रांतिकारी जतीन्द्रनाथ दास का आज है जन्मदिन

ब्रिटिश साम्राज्यवाद की नीतियों के खिलाफ 63 दिनों तक किया आमरण अनशन  जतीन्द्रनाथ दास का जन्म 27 अक्टूबर, 1904 को कलकत्ता में हुआ था. इनके पिता का नाम बंकिम बिहारीदास और माता का नाम सुहासिनी देवी था. 1920 में इन्होंने मैट्रिक परीक्षा पास करके आगे की पढ़ाई कर ही रहे थे कि महात्मा गांधी ने … Read more

Translate »
error: Content is protected !!