संसद के नए भवन के शिलान्यास के बाद संसद में सीटों की संख्या के बढ़ने पर चर्चा हो रही है. इस नए संसद भवन में 888 लोकसभा सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी जो कि मौजूदा संख्या से 345 अधिक है. खबरों के मुताबिक ये 2026 में लोकसभा के परिसीमन की ही तैयारी है.
सबसे पहले यह समझना जरुरी है कि इसके लिए नियम क्या होता है:
हर 10 लाख की आबादी पर 1 सांसद होना चाहिए, 2019 के आम चुनावों में लगभग 88 करोड़ वोटर थे. इसका मतलब है कि उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए 888 सांसद होने चाहिए.
क्यों होता है परिसीमन?
परिसीमन के अंतर्गत लोकसभा और विधानसभाओं की सीमाओं को फिर से सीमांकित किया जाता है ताकि आबादी में होने वाले बदलावों को सही तरीके से प्रतिनिधित्व मिल सके.
साथ ही यह भी ध्यान रखा जाता है कि राज्य की सीटों की संख्या और आबादी का अनुपात सभी राज्यों में लगभग एक सा होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो कि हर राज्य को एक बराबर प्रतिनिधित्व मिले.
नई लोकसभा में 888 सांसद होंगे. उत्तर प्रदेश के सांसदों की संख्या सबसे अधिक (143) होगी. इसके बाद महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का स्थान होगा. पूर्वोत्तर के राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सांसदों की संख्या में इजाफा नहीं होगा.
(Source: Daily Hunt)