अब 2022 में पुराने आर्बिटर के प्रयोग से होगा चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण: इसरो प्रमुख के सिवन

प्राप्त जानकारी के मुताबिक आने वाले 2022 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (ISRO) के प्रमुख के सिवन ने बताया है कि देश के 30 और महत्वकांक्षी चंद्रयान मिशन अगले साल के अंत तक लॉन्च किया जाएगा.

वर्तमान में करोना महामारी के कारण चंद्रयान-3 सहित देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की परियोजनाओं शुरू करने में देरी होगी.

चंद्रयान-3 के विषय में बोलते हुए के सिवन ने कहा कि चंद्रयान-3 बहुत कुछ चंद्रयान-2 जैसा ही होगा. किंतु इसमें कोई  अन्य आर्बिटर का प्रयोग नहीं किया जाएगा.

जो आर्बिटर चंद्रयान-2 में था उसी का इस्तेमाल चंद्रयान-3 के लिए भी होगा, हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं तथा एक ऐसी प्रणाली विकसित करने में जुटे हुए हैं जिसे 2022 तक अमलीजामा पहना दिया जाएगा.

चंद्रयान-2 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई, 2019 को रवाना किया गया था सितंबर 2019 को इसके लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर उतारने की योजना थी,

किंतु यह बड़े झटके के साथ उतरा जिसके कारण वास्तविक उद्देश्य को पूरा नहीं कर सका. फिर भी चंद्रयान-2 का आर्बिटर सफलतापूर्वक अपना काम कर रहा है और इसके द्वारा ‘इसरो’ को आंकड़े उपलब्ध हो रहे हैं.

आपको यहां बताते चलें कि गगनयान परियोजना के तहत देश के पहले मानव रहित मिशन को दिसंबर माह तक भेजने का प्रयास किया जा रहा है.

मानव मिशन को 2022 तक लांच किया जाना है जिसके अंतर्गत तीन भारतीय अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे फिलहाल मिशन के लिए 4 पायलटों को चुना गया है जिन्हें रूस में कड़ा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

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