चौरी-चौरा: AJM व पीस पार्टी ने संयुक्त रूप से किया दलित-मुस्लिम अधिकार सम्मेलन

आजादी के बाद दलित और मुस्लिम समाज की ही सबसे ज्यादा उपेक्षा हुई है-डॉ0 मोहम्मद अय्यूब अंसारी
दलित-मुस्लिम-पिछड़ा सामाज अपने हक की लड़ाई लड़े-श्रवण कुमार निराला
हक/अधिकार के लिये संघर्ष में महिलाओं की अहम भूमिका है-सीमा गौतम
चौरी-चौरा: ‘अम्बेडकर जन मोर्चा’ व पीस पार्टी द्वारा संयुक्त रूप से चौरीचौरा, गोरखपुर में दलित मुस्लिम अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया.
इस सम्मेलन में हजारों की संख्या में दलित-मुस्लिम-पिछड़े समाज के लोगों ने भाग लेते हुए अपने हक की आवाज बुलन्द किया.
सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 मोहम्मद अय्यूब अंसारी रहे जबकि सम्मेलन की अध्यक्षता AJM के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला ने किया.
मुख्य अतिथि डॉ0 मोहम्मद अय्यूब अंसारी ने कहा कि आजादी के बाद दलित और मुस्लिम समाज की ही सबसे ज्यादा उपेक्षित हुआ है.
इन दोनों समाज के चंद लोग जो बाबा साहब के दिए संविधान की बदौलत अपनी मेहनत और लगन से कुछ मुकाम हासिल किए तो सभी को लगने लगा कि दलित समाज तो बहुत आगे हो गया. 
किन्तु चिन्ताजनक तो यह है कि जिन चंद लोगों ने अपने जीवन स्तर को सुधारा है, उन्हीं की दुहाई देकर आरक्षण को समाप्त करने की बात की जाती है.
जबकि यह सर्वविदित है कि आरक्षण भागीदारी से जुड़ी हुई व्यवस्था है. यह भागीदारी और अधिकर हमें हर क्षेत्र में चाहिए. इसके लिए आज अम्बेडकर जनमोर्चा एवं पीस पार्टी के
संयुक्त तत्वावधन में चौरी-चौरा में दलित-मुस्लिम अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया है. इस अधिकर सम्मेनल में हम यह बिगुल फुकतें है कि
दलित-मुस्लिम, पिछड़ा वर्ग के प्रत्येक परिवार के पास अनिवार्य रूप से एक एकड़ जमीन हो, उन्हें न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति में अधिकार चाहिए,
राज्य सभा एवं विधान परिषदों में भागीदारी का अधिकार चाहिए, सभी प्रकार के ठेकों में भागीदारी का अधिकार चाहिए, निजी क्षेत्रों में भागीदारी का अधिकार चाहिए,
कुलपतियों की नियुक्ति में भागीदारी चाहिए, सभी को समान शिक्षा एवं समान चिकित्सा का अधिकार चाहिए एवं मुस्लिम समाज की शिक्षा एवं रोजगार में भागीदारी का अधिकार भी चाहिए.
इसके साथ ही मुस्लिम समाज के अधिकारों के लिए सच्चर कमेटी की संस्तुति एवं रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट लागू किया जाय.
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये अम्बेडकर जनमोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला ने कहा कि इस तरह के अधिकार सम्मेलन को पूर्वाञ्चल के प्रत्येक जिले में और फिर प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित किये जाएंगे.
उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी अम्बेडकर जन मोर्चा एवं पीस पार्टी मिलकर पूर्वांचल में लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हमारे साथ पिछड़े समाज के लिए काम कर रही कुछ अन्य पार्टियाँ भी शामिल होंगी.
मुस्लिम समाज में भी जातिय असमानता है. यही कारण रहा है कि मुस्लिम समाज का एक बड़ा वर्ग अपने हक और अधिकार से वंचित रहा है और बेहद तंगी का जीवन यापन करने को मजबूर है.
उन्होंने कहा कि पिछड़े मुसलमानों की तरक्की और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए सरकारों ने प्रयास करने का केवल दिखावा किया है. 
यदि ईमानदारी से सच्चर कमेटी की संस्तुति तथा रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया जाय तो बहुत सी समस्याओं का समाधान हो जायेगा.
पिछड़ा और दलित मुसलमान भी नई रोशनी में अपने को आगे ला सकेगा जिससे इस देश की तरक्की का दर बढ़ जायेगा.
उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता, यू0सी0सी0 एवं सी0ए0ए0 की आड़ में मुस्लिम अधिकार को छीना न जाये.
अम्बेडकर जनमोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सीमा गौतम ने कहा कि अम्बेडकर जन मोर्चा का यह संकल्प है कि प्रत्येक दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक परिवार जो भूमिहीन हैं,
निर्धन हैं को एक-एक एकड़ जमीन दिया जाये. यह जमीन कैसे दी जा सकती है, इसकी पूरी रूप रेखा और योजना हमने सरकार को दे रखी है.
जो सरकारें दलित, पिछड़ा, मुसलमानों के उन्नति की खोखली बातें करती हैं, उन्हें बाबा साहब अम्बेडकर के जमीन सम्बन्धित विचारों से अवगत होते हुए उस पर कार्यवाही करनी चाहिए.
जैसा कि तेलंगाना की सरकार ने प्रत्येक दलित और आदिवासी परिवार को तीन-तीन एकड़ जमीन देकर किया है. जमीन के इस आन्दोलन को हम विगत डेढ़ वर्ष से
लगातार चला रहे हैं और वह दिन दूर नहीं जब हम दलित, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों को उनका अधिकार दिलाने में सपफल होंगे.
कार्यक्रम में अम्बेडकर जन मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेश्वर निषाद ने कहा कि समाज में हर तरह की असमानता की गहरी खाई को जब तक पाटा नहीं जायेगा तब तक एक बेहतर समाज और राष्ट्र की परिकल्पना नहीं की जा सकती है.
इसीलिए अम्बेडकर जनमोर्चा और पीस पार्टी मिलकर दलितों और मुसलमानों के अधिकारों के लिए यह सम्मेलन कर रही है ताकि इस समाज में चेतना जागृत हो. जब समाज चेतनाशील हो जाता है तो बड़े से बड़े आन्दोलन सफल हो जाते हैं.
इस अवसर पर श्रवण शर्मा, एल0बी0 गौतम, अवधेश कुमार, आनन्द कुमार, रवि प्रकाश, लालजी प्रसाद, फेकू प्रसाद सरोज, श्याम सुन्दर,
धर्मा देवी, सविता राजभर, रिंकी देवी, सीमा भारती, मो0 नईम खान, सैय्यद हसन, इबरार अहमद, विवेक मौर्या, राजबली चौधरी आदि समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे.

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